English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-09-07 111034

हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के दिग्गज और दिवंगत नेता पंडित सुखराम के पोते और हिमाचल प्रदेश कांग्रेस की मीडिया एवं सोशल मीडिया कमेटी के प्रदेश संयोजक आश्रय शर्मा ने पूर्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर पर बड़ा और तीखा जुबानी हमला बोला है।

 

आश्रय शर्मा का कहना है कि कांग्रेस के कुछ बुजुर्ग नेता बार-बार अंतिम चुनाव और सीएम पद का हवाला देकर चुनाव लड़ रहे हैं। इस कारण युवाओं को आगे आने का मौका नहीं मिल रहा है।

मंडी में न्यूज18 से आश्रय शर्मा ने कहा कि अब युवाओं का जमाना है और प्रदेश को ऐसे नेतृत्व की जरूरत है जो लंबी पारी खेल सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कौल सिंह ठाकुर उम्र के उस पड़ाव पर हैं, जहां ये उम्र ही उनके आड़े आ रही है। ऐसे में यदि पार्टी कौल सिंह को टिकट नहीं देती तो फिर उन्हें या किसी अन्य युवा को टिकट दिया जाए।

Also read:  Gujarat Civic Body Polls: गुजरात नगर निगम चुनावों में बड़ी जीत की तरफ बीजेपी

उन्होंने इशारों ही इशारों में यहां तक कहा कि कुछ नेता गुलाम नबी आजाद के सहयोगी बनकर राहुल गांधी और उनके परिवार की नैतिकता पर सवाल उठाते रहे हैं और अब शीर्ष पदों के बारे में सोच रहे हैं. पार्टी ने निर्णय लिया है कि परिवार के एक ही सदस्य को टिकट दिया जाएगा, जबकि कौल सिंह खुद के साथ अपनी बेटी के लिए भी टिकट की जोर आजमाईश में लगे हैं।

वीरभद्र परिवार के पास पावर सेंटर, लोग खुद देंगे पंडित सुखराम को श्रद्धांजलि

आश्रय शर्मा ने स्पष्ट किया कि वीरभद्र सिंह और पंडित सुखराम की तनातनी के कारण उन्होंने पूर्व में कांग्रेस पार्टी छोड़ी थी, लेकिन 2019 के लोकसभा चुनावों में राहुल गांधी के आहवान पर दोबारा से पार्टी में आए और विपरित परिस्थितियों में चुनाव लड़ा। हालांकि, उस वक्त सभी ने चुनाव लड़ने से मना कर दिया था। आज फिर से संगठन का पावर सेंटर उसी परिवार के पास होने से उन्हें संशय है। यदि संगठन के किसी के साथ पक्षपात न हो तो मिलकर पार्टी को और आगे ले जाया जा सकता है। आश्रय शर्मा ने कहा कि यदि उपचुनावों में लोगों ने स्व. वीरभद्र सिंह को श्रद्धांजलि दी है तो मंडी जिला के लोग स्व. पंडित सुखराम को अपने आप श्रद्धांजलि देंगे, क्योंकि उनके द्वारा किए हुए कार्यों और योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता।

Also read:  शरद पवार की पीएम मोदी से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

सदर का टिकट कोई बस का टिकट नहीं, प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण

आश्रय शर्मा ने कहा कि सदर विधानसभा क्षेत्र का टिकट कोई बस का टिकट नहीं जो ऐसे ही मिल जाए। ये प्रदेश की राजनीति का सबसे अहम टिकट है और इसका फैसला उचित समय आने पर होगा। उन्होंने कहा कि 2019 में चुनाव लड़ने से उनके पिता को क्षति हुई है और अब वे वही करेंगे जो पिता कहेंगे। किस दल में रहना है इसका फैसला सदर की जनता करेगी और उसी पर सब मिलकर साथ चलेंगे।

Also read:  शिवसेना सांसद संजय राउत का दावा भाजपा के एक केंद्रीय मंत्री ने दी धमकी, शरद पवार को घर नहीं जाने दिया जाएगा