English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-06-16 161156

कलकत्ता हाईकोर्ट ने पंचायत चुनाव के मद्देनजर बंगाल में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती को लेकर निर्देश दिया था। निर्वाचन आयोग को कहा गया था कि अगले 48 घंटे के भीतर राज्य में केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती के लिए गृह मंत्रालय को पत्र लिखा जाए। इस मामले पर अब पश्चिम बंगाल की ममता सरकार की नाराजगी सामने आई है।

बंगाल सरकार ने सभी जिलों में केंद्रीय सशस्त्र बलो की तैनाती के निर्देश के खिलाफ हाईकोर्ट में समीक्षा याचिका दायर की है। कलकत्ता हाईकोर्ट के प्रधान न्यायाधीश टीएस शिवगणनम और न्यायमूर्ति हिरण्मय भट्टाचार्य ने पीठ ने इस मामले पर आदेश दिया जारी किया था।

Also read:  मयावती को राष्ट्रपति बनने पर मायवती का बीजेपी पर वार, मायावती ने कहा बीजेपी समर्थकों को कर रही...

चुनाव से पहले केंद्रीय सशस्त्र बलों की तैनाती

पीटीआई के मुताबिक खंडपीठ ने अपने पहले आदेश में राज्य के 7 संवेदनशील जिलों में केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर आदेश जारी किया था। एसईसी और राज्य सरकार ने इस आदेश की समीक्षा याचिका दायर की थई। गुरुवार को इस मामले पर हुई सुनवाई के बाद कोर्ट ने अपने फैसले को सुरक्षित रख लिया था। इसके बाद पीठ ने आदेश पारित करते हुए राज्य में केंद्रीय बलों के तैनाती का आदेश पारित किया और कोर्ट ने कहा कि केंद्रीय बलों की तैनाती में किसी भी प्रकार की देरी से राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव के मद्देनजर हिंसा और झड़प से नुकसान हो सकता है।

Also read:  दिल्ली-नोएडा बॉर्डर पर कोरोना की रैंडम रैपिड जांच शुरू, डीएनडी पर तैनात हुई टीम

कोर्ट आदेश पर टीएमसी की प्रतिक्रिया

केंद्रीय बलों की तैनाती को लेकर कोर्ट द्वारा जारी निर्देश पर तृणमूल कांग्रेस के नेता मदन मित्रा ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ ने राज्य चुनाव आयोग को पंचायत चुनाव से पहले पश्चिम बंगाल के जिलों में चल रही हिंसा के बीच केंद्रीय अर्धसैनिक बलों की तैनाती का निर्देश दिया है। अब  पार्टी लड़ने के साथ-साथ केंद्रीय बलों और उनकी यातना का सामना करने के लिए भी तैयार है। वहीं भारतीय जनता पार्टी ने कोर्ट के इस आदेश का स्वागत किया है। पार्टी नेता शुवेंदु अधिकारी ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से बंगाल की जनता का विश्वास जीतेगा और वे टीएमसी के खिलाफ बिना किसी डर से वोट कर सकेंगे।