English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-09-05 094704

कम्युनिस्ट नेता किसी भी तरह के सरकारी अवॉर्ड लेने से अक्सर परहेज करते हैं। लेकिन रैमन मैग्सेसे अवॉर्ड न लेने की अलग वजह बताई जा रही है। दरअसल, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता और केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने रैमन मैग्सेसे पुरस्कार लेने से इसलिए इनकार कर दिया।

 

उन्होंने कहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व से सलाह करने के बाद उन्होंने यह फैसला किया है। इस मामले में दो टूक प्रतिक्रिया देते हुए पार्टी के महासचिव सीताराम केसरी ने कहा है कि रैमन मैग्सेसे एंटी कम्युनिस्ट थे। इसलिए हम उनके नाम पर कोई भी सम्मान प्राप्त नहीं कर सकते।

Also read:  वोकल फॉर लोकल: पीएम मोदी आज करेंगे पहले 'भारत खिलौना मेला' का उद्घाटन 

एचटी की खबर के मुताबिक येचुरी ने कहा कि के के शैलजा को यह अवॉर्ड उनकी व्यक्तिगत उपलब्धियों के लिए दिया गया है लेकिन जिस काम के लिए उन्हें यह दिया जा रहा है उसे सामूहिक नेतृत्व ने पूरा किया। इसलिए के के शैलजा को यह पुरस्कार किसी भी हाल में नहीं लेना चाहिए।सीताराम येचुरी ने भी कहा है कि यह अवॉर्ड केरल में सार्वजनिक स्वास्थ्य के मुद्दों के प्रबंधन के लिए दिया जा रहा है। लेकिन यह केरल में एलडीएफ सरकार और स्वास्थ्य विभाग का सामूहिक प्रयास है। इसलिए यह कोई व्यक्तिगत प्रयास नहीं है।

Also read:  सेंसेक्स 550 अंक चढ़कर 57800 के ऊपर खुला, Nifty 17200 के पार

केरल की पूर्व स्वास्थ्य मंत्री शैलजा को राज्य में कोविड-19 महामारी के दौरान बेहतर तरीके से काम करने के लिए रैमन मैग्सेस अवॉर्ड देने की घोषणा की गई है। शैलजा ने कहा कि उन्हें उस काम के लिए पुरस्कार देने का विचार किया गया, जो वास्तव में सामूहिक प्रयास था और उनके द्वारा इसे (पुरस्कार) व्यक्तिगत तौर पर प्राप्त करना सही नहीं है। उन्होंने कहा, “मैंने उन्हें धन्यवाद दिया और विनम्रतापूर्व यह कहते हुए पुरस्कार लेने से इनकार कर दिया कि मुझे इसे व्यक्तिगत रूप से प्राप्त करने में कोई दिलचस्पी नहीं है।”

Also read:  दिल्ली के आसपास के इलाकों में आज होगी भारी बारिश, कई राज्यों में येलो अलर्ट जारी

एचटी की खबर के मुताबिक एक कम्युनिस्ट नेता का मानना है कि फिलीपींस के दिवंगत राष्ट्रपति रैमन मैग्सेसे कम्युनिष्टों के खिलाफ कथित क्रूरता के लिए जाने जाते हैं। इसलिए अगर शैलजा यह अवॉर्ड ले लेती हैं तो लोग पार्टी की विचारधारा पर सवाल खड़ा करेंगे। इसलिए शैलजा का यह निर्णय बिल्कुल सही है। क्योंकि कम्युनिस्ट के लिए विचारधारा ही सर्वोपरी है। पार्टी ने शैलजा को बताया कि मैग्सेस कम्युनिस्ट विरोधी थे और 1950 के दशक में उन्होंने कम्युनिस्ट के गुरल्ला युद्ध को कुचलने के लिए उत्पीड़न का सहारा लिया था।