English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-10-14 111642

केंद्र की मोदी सरकार (Central Government) नागरिकों का एक राष्ट्रीय डेटाबेस स्थापित करने की योजना बना रही है। जिसे सरकार का NRC की ओर एक कदम के रूप में देखा जा रहा है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गृह मंत्रालय ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) पर एक कैबिनेट नोट और एक विधेयक पेश किया है।

 

एनआरसी के पहले चरण में, गृह मंत्रालय ( Ministry of Home Affairs) ने राष्ट्रीय स्तर पर देश भर में सभी भारतीय नागरिकों का एक डेटाबेस स्थापित करने की योजना बनाई है।

Also read:  सिद्धू अड़े सीएम चेहरे के लिए, कांग्रेस जुटी मनाने में

इसमें उनकी जन्म तिथि, मृत्यु तिथि एकत्र की जाएगी। आधार कार्ड (Aadhar card) को मतदाता पहचान पत्र से जोड़ने का अंतिम प्रस्ताव स्वैच्छिक था, लेकिन संसद में कड़े विरोध के बाद चुनाव आयोग ने लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम में संशोधन की सिफारिश की। अब सरकार इस डेटाबेस को जनसंख्या रजिस्टर (Population Register) और मतदाता सूची के साथ मर्ज करना चाहती है।

इसके बाद आधार कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस और जन्म और मृत्यु पंजीकरण अधिनियम में संशोधन के लिए एक कैबिनेट नोट पेश किया गया है। भारत के महापंजीयक इस पूरे डेटाबेस को बनाए रखेंगे और राज्यों के मुख्य रजिस्ट्रारों के साथ काम करेंगे। वे आधार, राशन कार्ड, मतदाता सूची, पासपोर्ट और ड्राइविंग लाइसेंस के प्रभारी विभिन्न एजेंसियों के साथ समय-समय पर इसे अपडेट करते रहेंगे। यह नोट केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) द्वारा NRC पर की गई घोषणा पर आधारित है।

Also read:  गोरखपुर में गरजे राजनाथ सिंह, कहा-गांव और शहर में सड़कें हुई बेहतर

राष्ट्रीय स्तर पर एनआरसी बनाने की घोषणा सबसे पहले असम के लिए की गई थी। इसमें नागरिकता संशोधन कानून (Citizenship Amendment Act) को लेकर पूरे देश में काफी बवाल हुआ था। कैबिनेट इस बिल को जल्द ही पास करने वाली है और इसके बाद इसे अगले लोकसभा सत्र में पेश किया जाएगा। इस बिल का असली मकसद भारत में अवैध रूप से रह रहे लोगों को बाहर निकालना है। फिलहाल यह केवल असम के लिए किया गया है लेकिन शाह पहले ही घोषणा कर चुके हैं कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा।

Also read:  पुलिस के इकबाल को तोड़ने वाला खुद को टूटा हुआ महसूस करेगा-योगी आदित्यनाथ