English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-07-16 170420

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और बैंक इंडोनेशिया ने शनिवार को एक समझौता किया, जिसके तहत भुगतान प्रणाली और डिजिटल वित्तीय नवाचार में सहयोग बढ़ाया जाएगा। इसके साथ ही दोनों पक्षों के बीच धन शोधन निवारण (एएमएल) तथा आतंकवाद के वित्तपोषण का प्रतिरोध (सीएफटी) जैसे क्षेत्रों में भी एक-दूसरे की मदद करने पर सहमति बनी है।

 

दोनों केंद्रीय बैंकों ने आपसी सहयोग बढ़ाने के लिए बाली में जी20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंकों के गवर्नर की बैठक के दौरान एक सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।

Also read:  2022 में आश्चर्यजनक रूप से 14.9 मिलियन लोगों ने ओमान की स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया

आरबीआई ने एक बयान में कहा, ”इस एमओयू के साथ, आरबीआई और बीआई, दोनों केंद्रीय बैंक संबंधों को मजबूत करने और भुगतान प्रणाली, भुगतान सेवाओं में डिजिटल नवाचार और एएमएल-सीएफटी के लिए नियामक और पर्यवेक्षी ढांचे सहित सूचना और सहयोग के आदान-प्रदान को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।” एमओयू को नीतिगत संवाद, तकनीकी सहयोग, सूचनाओं के आदान-प्रदान और संयुक्त कार्य के जरिए लागू किया जाएगा।

Also read:  पंजाब के लुधियाना में 15 हमलावरों ने 15 साल की नाबालिग पर किया हमला, हमले में नाबालिग की हुई मौत

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास और बीआई गवर्नर पेरी वारजियो की उपस्थिति में आरबीआई के डिप्टी गवर्नर माइकल देवव्रत पात्रा और बीआई के डिप्टी गवर्नर डोडी बुडी वालुयो ने इस पर हस्ताक्षर किए। इस मौके पर दास ने कहा, ”यह एमओयू हमारे संयुक्त प्रयासों को एक औपचारिक तंत्र के भीतर आगे बढ़ाने की दिशा में बढ़ाया गया कदम है।” उन्होंने उम्मीद जताई कि इस समझौते से दोनों देशों को अपनी वित्तीय प्रणालियों को सुलभ, समावेशी और सुरक्षित बनाने में मदद मिलेगी।

Also read:  Muscat Nights: यह बच्चों की दुनिया है