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सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (CPCB) ने कोक, पेप्सिको और बिसलेरी पर प्लास्टिक कचरे के डिस्पोजल और कलेक्शन की जानकारी सरकारी बॉडी को नहीं देने के मामले में भारी जुर्माना लगाया है। इन कंपनियों पर करीब 72 करोड़ का जुर्माना लगाया गया है। सीपीसीबी ने बिसलेरी पर 10.75 करोड़ रुपये, पेप्सिको इंडिया पर 8.7 करोड़ रुपये और कोका कोला बेवरेजेस पर 50.66 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है।

कोक, पेप्सिको और बिसलेरी के अतिरिक्त बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि पर भी जुर्माना लगाया गया है। पतंजलि पर एक करोड़ रुपये की पेनाल्टी लगी है। वहीं एक अन्य कंपनी पर 85.9 लाख रुपये का जुर्माना लगा है।

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मालूम हो कि प्लास्टिक कचरों के मामलों में एक्सटेंडेड प्रोड्यूसर रिस्पांसिबिलिटी (EPR) एक पॉलिसी पैमाना है, जिसके आधार पर प्लास्टिक का निर्माण करने वाली कंपनियों को उत्पाद के डिस्पोजल की जिम्मेदारी लेनी होती है। इस संदर्भ में सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड ने कहा कि सभी कंपनियों को 15 दिनों के भीतर ही जुर्माने की रकम का भुगतान करना होगा।

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प्लास्टिक के कचरे की मात्रा की बात करें, तो जनवरी से सितंबर 2020 तक बिसलेरी का प्लास्टिक का कचरा करीब 21 हजार 500 टन रहा है। इसलिए कंपनी पर पांच हजार रुपये प्रति टन के हिसाब से जुर्माना लगा है। वहीं पेप्सिको और कोका कोला का कचरा क्रमश: 11,194 और 4,417 टन था।

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मामले में कोक के प्रवक्ता ने कहा है कि, ‘कंपनी पूरे कंप्लायंस के साथ अपना ऑपरेशन चलाती है, जिसमें रेगुलेटरी फ्रेमवर्क और कानूनों के तहत काम किया जाता है। कंपनी इस ऑर्डर की समीक्षा कर रही है और हम संबंधित अथॉरिटी के साथ मामले को सुलझाने का प्रयास भी करेगी करेंगे।’