English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-02-03 135439

उच्चतम न्यायालय ने 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी के डॉक्यूमेंट्री को प्रतिबंधित करने के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर शुक्रवार को केंद्र सरकार से जवाब तलब किया।

 

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति एम एम शाह की पीठ ने वरिष्ठ पत्रकार एन राम, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की सांसद महुआ मोइत्रा और कार्यकर्ता एवं अधिवक्ता प्रशांत भूषण की ओर से दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र और अन्य को नोटिस जारी किया। पीठ ने अधिवक्ता एम एल शर्मा की याचिका पर भी नोटिस जारी किया।

Also read:  गुजरात के पाटन जिले में जीप की ट्रक से टक्कर होने के कारण दर्दनाक सड़क हादसा

शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को प्रतिबंध संबंधी आदेश के मूल रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश भी दिया। पीठ ने कहा, ‘हम नोटिस जारी कर रहे हैं। जवाबी हलफनामा तीन हफ्ते के भीतर दाखिल किया जाना चाहिए। प्रत्युत्तर उसके दो हफ्ते के बाद दिया जाना चाहिए।’ मामले में अगली सुनवाई अप्रैल में होगी।

Also read:  राहुल गांधी ने पुलवामा हमले के घटनास्थल लेथपोरा जाकर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी

बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री – इंडिया: द मोदी क्वेश्चन के लिंक को केंद्र द्वारा ट्विटर और यूट्यूब से हटाए जाने के बाद तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा, वरिष्ठ पत्रकार एन राम और अधिवक्ता प्रशांत भूषण और अधिवक्ता एम एल शर्मा द्वारा अलग-अलग याचिकाएं दायर की गई थीं।

Also read:  बजट से पहले शेयर बाजार में 700 अंकों की उछाल