English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-08-03 112612

देश में सस्‍ती विमान सेवा उपलब्‍ध कराने वाली कंपनी स्‍पाइसजेट (SpiceJet) ने अपनी कुछ हिस्‍सेदारी बेचने की बात कही है। बुधवार को मीडिया रिपोर्ट में बताया गया कि कंपनी के प्रवर्तक अजय सिंह अपनी 24 फीसदी हिससेदारी बेचने के लिए खरीदार की तलाश में हैं।

 

स्‍पाइसजेट ने मध्‍यपूर्व की एक बड़ी विमानन कंपनी के साथ बातचीत शुरू कर दी है। इस कंपनी ने स्‍पाइसजेट की 24 फीसदी हिस्‍सेदारी खरीदने में रुचि दिखाई है। अगर सौदा पूरा होता है तो इस कंपनी को स्‍पाइसजेट के बोर्ड में भी शामिल होने का मौका मिलेगा। इसके अलावा स्‍पाइसजेट की बातचीत एक और बड़ी भारतीय कंपनी के साथ भी हो रही है, जिसका कई क्षेत्रों में कारोबार है।

Also read:  कमलनाथ और दिग्विजय शिवराज सिंह चौहान से मुलाकात की, क्या है मामला

इस भारतीय कंपनी ने स्‍पाइसजेट के प्रमोटर अजय सिंह से संपर्क किया है कि अगर वे अपनी हिस्‍सेदारी बेचना चाहते हैं तो कंपनी तैयार है. अजय सिंह के पास अभी स्‍पाइसजेट में कुल 60 फीसदी की हिस्‍सेदारी है। स्‍पाइसजेट के प्रवक्‍ता ने बताया कि कंपनी कई निवेशकों के साथ वित्‍तीय साझेदारी को लेकर बातचीत कर रही है और इस पर कोई फैसला होने पर जानकारी दी जाएगी। इस सौदे के लिए सभी नियामकीय दिशानिर्देशों का पालन किया जाएगा।

Also read:  आयकर विभाग की बसपा सांसद हाजी फजर्लुरहमान कुरैशी के ठिकानों पर छापेमारी

कंपनी ने चुकाया एएआई का बकाया

स्‍पाइसजेट ने एक दिन पहले बताया था कि कंपनी ने इंडियन एयरपोर्ट अथॉरिटी (एएआई) का पूरा बकाया चुका दिया है और एएआई ने उसकी 50 करोड़ की बैंक गारंटी को भी रिलीज कर दिया है। इससे पहले पुराने बकाए को लेकर एएआई ने स्‍पाइसजेट पर कैश एंड कैरी का रूल अप्‍लाई कर दिया था। इसका मतलब है कि कंपनी को एयरपोर्ट पर नेविगेशन, लैंडिंग, पार्किंग और परिचालन से जुड़ी सभी सुविधाओं के लिए रोजना भुगतान करना पड़ता था।

Also read:  सीरम ने चेन्नई के प्रतिभागी के साइड-इफेक्ट के दावे को नकारा, 100 करोड़ के मानहानि केस की दी चेतावनी

गौरतलब है कि स्‍पाइसजेट बीते चार साल से लगातार घाटे में चल रही। कंपनी को 18-19 में 316 करोड़, 19-20 में 934 करोड़ और 20-21 में 998 करोड़ रुपये का घाटा हुआ है। बीते वित्‍तवर्ष में भी कंपनी को कोरोना महामारी की वजह से घाटा लगा। इसके अलावा डीजीसीए ने तकनीकी खामियों के कारण कंपनी को बीते जुलाई महीने में 50 फीसदी विमान ही उड़ाने का निर्देश दिया था। हालांकि, एएआई का बकाया चुकाने की खबरों के बाद कंपनी के स्‍टॉक्‍स में 4 फीसदी से ज्‍यादा का उछाल दिखा है।