सिविल इंजीनियरिंग (civil engineering) कॉलेजों के बीटेक और एमटेक के छात्रों को भविष्य में इंटर्नशिप के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा।
नेशनल हाईवे (National Highway project) निर्माण से जुड़ी कंपनियां ऐसे छात्रों को अपने प्रोजेक्ट में इंटर्नशिप कराएंगी।
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport and Highways) ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। कंपनियों को अगले वित्तीय वर्ष से छात्रों को इंटर्नशिप करानी होगी। इतना ही नहीं बेहतर प्रदर्शन करने वाले 20 फीसदी कंपनियों में नौकरी भी देनी होगी।
सड़क परिवहन मंत्रालय के आदेश के अनुसार हाईवे कंस्ट्रक्शन और हाईवे कंसल्टेंट से जुड़ी कपंनियों को सिविल इंजीनियरिंग कॉलेज के बीटेक और एमटेक छात्रों को इंटर्नशिप करानी होगी। कंपनियां शुरू में 100-100 छात्रों को इंटर्नशिप कराएंगी। धीरे-धीरे यह संख्या बढ़ती जाएगी। इसके बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले 20 फीसदी छात्रों को कंपनियां नौकरी देंगी। इनमें सरकारी के अलावा प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज भी शामिल होंगे।
मंत्रालय के इस कदम से दोहरा लाभ होगा। पहला छात्रों को इंटर्नशिप के लिए इधर-उधर नहीं भटकना होगा। इनमें से कुछ छात्रों को नौकरी भी इंटर्न करते हुए मिल जाएगी। दूसरा नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट से जुड़ी कंपनियों को इंटर्नशिप के तौर पर इंजीनियर मिल जाएंगे, जिससे हाईवे प्रोजेक्ट और तेजी से पूरे किए जा सकेंगे।
देश में करीब 5800 इंजीनिरिंग कॉलेज हैं। इनमें से 73 फीसदी प्राइवेट, 23 फीसदी सरकारी, बचे हुए पब्लिक प्राइवेट इंजीनियरिंग कॉलेज हैं। करीब पांच लाख छात्र प्रति वर्ष सिविल इंजीनिरिंग के निकलते हैं। इन सभी छात्रों के लिए मंत्रालय के इस कदम से राहत मिलेगी।