केंद्र सरकार द्वारा पारित किए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर जारी आंदोलन के बीच आज किसान दिवस मनाया जा रहा है। किसान दिवस के मौके पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सभी किसानों का अभिनंदन किया है। साथ ही कहा है कि सरकार किसानाेेंं से बात कर रही है, वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापस लेंगे।
राजनाथ सिंह ने किसान दिवस की बधाई देते हुए कहा, ‘पूर्व प्रधानमंत्री एवं देश के सबसे सम्मानित किसान नेताओं में अग्रणी, चौधरी चरण सिंह जी को उनकी जयंती के अवसर पर मैं स्मरण एवं नमन करता हूं। चौधरी साहब आजीवन किसानों की समस्याओं को आवाज देते रहे और उनके कल्याण के लिए काम करते रहे। देश उनके योगदान को हमेशा याद रखेगा।’
आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूँ। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है।
कृषि क़ानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूँ कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापिस लेगें।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) December 23, 2020
राजनाथ ने कहा, ‘चौधरी चरण सिंह चाहते थे कि देश के किसानों की आमदनी बढ़े, उनकी फसलों का लाभकारी मूल्य मिले और किसानों का मान-सम्मान सुरक्षित रहे। हमारे प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी उनकी प्रेरणा से ही किसानों के हित में अनेक कदम उठा रहे हैं। किसानों का वे किसी सूरत में अहित नहीं होने देंगे।’
उन्होंने कहा, ‘आज किसान दिवस के अवसर मैं देश के सभी अन्नदाताओं का अभिनंदन करता हूं। उन्होंने देश को खाद्य सुरक्षा का कवच प्रदान किया है। कृषि कानूनों को लेकर कुछ किसान आंदोलनरत हैं। सरकार उनसे पूरी संवेदनशीलता के साथ बात कर रही है। मैं आशा करता हूं कि वे जल्द ही अपने आंदोलन को वापस लेगें।’
गौरतलब है कि कृषि कानूनों के विरोध में विभिन्न किसान संगठन दिल्ली से सटी सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि सरकार इन तीन कानूनों को वापस ले। वहीं, सरकार का कहना है कि इन कानूनों को कृषि सेक्टर में सुधार के लिए लाया गया, जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी।
क्यों मनाया जाता है किसान दिवस
भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर हर साल 23 दिसंबर को राष्ट्रीय किसान दिवस मनाया जाता है। चरण सिंह ने अपने कार्यकाल के दौरान कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा उन्हें किसान-हितैषी नीतियों का मसौदा तैयार करने के लिए भी जाना जाता है।
प्रधानमंत्री के रूप में चौधरी चरण सिंह का कार्यकाल भले ही कम समय के लिए रहा हो, लेकिन उन्होंने किसानों के हित में कई अहम फैसले लिए। केंद्र सरकार ने 2001 में चौधरी चरण सिंह के जन्मदिन को किसान दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।