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महाराष्ट्र में जारी सियासी उथल पुथल के बीच कांग्रेस पार्टी की तरफ से अहम बयान आया है। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा है कि अगर शिवसेना अपना परिवार बचाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी से अलग होना चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है।जरूरत पड़ी तो हम विपक्ष में बैठने के लिए भी तैयार हैं। उन्होंने राज्यपाल और बीजेपी की भूमिका पर भी सवाल उठाए।

 

एकनाथ शिंदे की अगुआई में शिवसेना विधायकों की बगावत के बीच राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर ने फ्लोर टेस्ट के लिए 30 जून को विधानसभा का सत्र आहूत किया है। इसे लेकर महाराष्ट्र कांग्रेस के बड़े नेता नाना पटोले ने राज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि राज्यपाल की भूमिका संशयास्पद है। राज्यपाल एक पार्टी विशेष के लिए काम कर रहे हैं। यह लोकतंत्र और संविधान के लिए खतरा है।

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शिवसेना से गठबंधन में सरकार चला रही कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता पटोले ने कहा कि शिवसेना अगर अपना परिवार बचाने के लिए कांग्रेस और एनसीपी से अलग होना चाहती है तो हमें कोई दिक्कत नहीं है। हम विपक्ष में बैठने के लिए तैयार हैं।उन्होंने कहा कि हमने शिवसेना से दोस्ती बीजेपी की तरह नहीं की थी। हम आखिर तक शिवसेना के साथ हैं. बीजेपी तो उसी डाल को काट देती है, जो उसके साथ होती है।

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बीजेपी पर निशाना साधते हुए नाना पटोले ने आरोप लगाया कि बीजेपी को महाराष्ट्र में सरकार बनाने की बहुत जल्दबाजी है। उन्हें जनता से नही, सिर्फ और सिर्फ सत्ता से मतलब है। उन्होंने कहा कि फ्लोर टेस्ट को देखते हुए हमने अपने सभी विधायकों को मुंबई पहुँचने के लिए कहा है। हम कानूनी तरीके से अपनी लड़ाई लड़ेंगे। मुझे पूरी उम्मीद है कि हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय मिलेगा।

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बता दें कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के 30 जून को फ्लोर टेस्ट कराने के आदेश के खिलाफ शिवसेना के चीफ विप सुनील प्रभु सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उनकी तरफ से एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि फ्लोर टेस्ट अवैध है, क्योंकि इसमें अयोग्यता का सामना करने वाले विधायकों को शामिल नहीं किया जा सकता। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट आज शाम 5 बजे याचिका पर सुनवाई करने के लिए राजी हो गया है।