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अग्निपथ योजना के खिलाफ देश भर में व्यापक प्रदर्शन को देखते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने थलसेना, नौसेना और वायुसेना के शीर्ष अधिकारियों के साथ शनिवार को बैठक की। इसके बाद रक्षा मंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर कहा कि आवश्यक पात्रता मानदंडों को पूरा करने वाले ‘अग्निवीरों’ के लिए रक्षा मंत्रालय में नौकरी की रिक्तियों के 10% को आरक्षित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

 

10% आरक्षण भारतीय तटरक्षक बल (Coast Guard) और रक्षा नागरिक (defence civilian) पदों और सभी 16 रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (Defence Public Sector Undertakings) में लागू किया जाएगा। यह आरक्षण भूतपूर्व सैनिकों के लिए मौजूदा आरक्षण के अतिरिक्त होगा। इन प्रावधानों को लागू करने के लिए प्रासंगिक भर्ती नियमों में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे। रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को सलाह दी जाएगी कि वे अपने संबंधित भर्ती नियमों में समान संशोधन करें। आवश्यक आयु में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।

  • भर्ती से पहले रक्षा मंत्रालय ने ‘अग्निवीरों’ को दिया तोहफा।
  • ‘अग्निवीरों’ को रक्षा मंत्रालय में 10% आरक्षण।
  • कोस्ट गार्ड की भर्ती में भी ‘अग्निवीरों’ को आरक्षण मिलेगा।
  • ‘अग्निवीरों’ को 16 डिफेंस PSU में भी आरक्षण दिया जाएगा।
  • जरूरी आयु में छूट का प्रावधान भी किया जाएगा।
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इससे पहले रक्षा मंत्री ने कहा कि देश की सेनाओं में अग्निवीर केवल नए Recruits लाने भर का नाम नहीं है बल्कि उन्हें भी वही Quality ट्रेनिंग दी जाएगी जो आज सेनाओं के जवानों को मिल रहा है। ट्रेनिंग का समय भले ही छोटा होगा मगर क्वालिटी से कोई समझौता नही होगा। मुझे खुशी है कि इन अग्नि वीरों की सैनिक सेवा समाप्त होने के बाद कई सरकारी विभागों में चयन के लिए उन्हें प्राथमिकता दिए जाने की घोषणा हो चुकी है। यदि वे कोई और काम करना चाहेंगे तो उन्हें सस्ती दर पर लोन की भी सुविधा प्रधान की जाएगी। जो नौजवान चार वर्ष सेना में सेवा देने के बाद बाहर निकलेंगे उन्हें आजीवन अग्निवीर के रूप में जाना जाएगा। उन्होंने कहा कि मैं चर्चा करना चाहूंगा रक्षा क्षेत्र में किए गए तीसरे transformative Reform की जिसकी चर्चा आजकल पूरे देश में चल रही है। वह हैअग्निपथ योजना। यह योजना इस देश की Armed Forces में Recruitment की पूरी process में क्रांतिकारी बदलाव लेकर आई है।

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