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असम में बाढ़ का कहर जारी है। मूसलाधार बारिश (Heavy Rainfall) से आई बाढ़ रुकने का नाम नहीं ले रही है। भूस्खलन के चलते हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। बता दें बाढ़ का सबसे ज्यादा असर नगांव पर पड़ा है।बताया जा रहा है नगांव में बाढ़ से 3 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।

असम के 34 जिलों में से 22 जिलें गंभीर रूप से बाढ़ग्रस्त हैं। वहीअसम में अब तक कुल बाढ़ से 25 की मौत हुई है और 7 लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इस वक्त असम (Assam) में दिफालू गांव, नगांव जिले के किसान खेतों में धान की फसल काटते है।  बाढ़ आने से किसानों को बड़ा नुकसान हुआ है। किसानों का कहना है, ‘हमने अपनी फसल का एक बड़ा हिस्सा खो दिया है और जो कुछ बचा है उसे बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं ताकि हमें अपने परिवार के लिए कुछ मिल सके।’

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हालांकि मिली जानकारी के मुताबिक, असम में बाढ़ की स्थिति में सोमवार को थोड़ा सुधार हुआ। असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के अनुसार, कछार जिले के सिलचर में सोमवार को बाढ़ के पानी में डूबने से एक व्यक्ति की मौत हो गई इसके साथ ही, राज्य में इस साल बाढ़ और भूस्खलन के कारण जान गंवाने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 25 हो गई. मिली जानकारी के अनुसार इस समय राज्य के 1,709 गांव जलमग्न हैं और 82,503 हेक्टेयर में फैली फसल नष्ट हो गयी है।

असम में जून तक ट्रेनों को किया जाएगा कैंसल

मूसलाधार बारिश, बाढ़ और लैंडस्लाइड की मार झेल रहे असम में रेल की पटरियां पर भी बुरा असर पड़ा है।  इस कारण लगातार ट्रेनों को जून महीने तक के लिए कैंसल करने का फैसला लिया जा रहा है। रेलवे ने अलग अलग जोन की 25 ट्रेनों को मई और जून महीने में कैंसल (cancelled trains) करने का फैसला किया है। ऐसे में इन ट्रेनों में यात्रा करने से पूर्व यात्री संबंधित इंक्वायरी नंबरों से ट्रेनों की रनिंग स्टेटस की जानकारी जरूर प्राप्त कर लें। उत्तर पूर्व सीमांत रेलवे के लमडिंग मंडल पर जलभराव और भूस्खलन के कारण भी यह फैसला लिया गया है. इस कारण पड़ोसी राज्यों जैसे त्रिपुरा, मिजोरम, मणिपुर से सड़क और रेलवे मार्ग पूरी तरह कट चुका है।

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