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उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (Bhartiya Janta Party) को तो नया चीफ मिल गया है लेकिन अब योगी सरकार में उनका विभाग कौन लेगा ये बड़ा सवाल खड़ा हो गया है।

 

बीजेपी के नए बॉस भूपेंद्र सिंह चौधरी को बीजेपी की कमान सौंप दी गई है। फिलहाल वो सरकार में पंचायती राज मंत्री के तौर पर कैबिनेट मंत्री हैं। अब उनको इस विभाग से इस्तीफा देना होगा क्योंकि बीजेपी में ‘एक पद एक व्यक्ति’ का सिद्धातं चलता है। अब उन अटकलों को हवा मिलनी शुरू हो गई है कि आखिरकार उनके विभाग की जिम्मेदारी किसको सौंपी जाएगी। हालांकि इसपर अंतिम फैसला सीएम योगी की ओर से ही लिया जाएगा।

भूपेंद्र के विभाग के दावेदार बने केशव

दरअसल उत्तर प्रदेश के नए भाजपा अध्यक्ष बनने के बाद भूपेंद्र सिंह चौधरी (Bhupendra Singh Chaudhry) का पंचायती राज विभाग किसे मिलेगा? राजनीतिक गलियारों में इस सवाल के मायने तलाशे जा रहे हैं। यूपी में फिलहाल एक बार फिर इस विभाग को लेकर डिप्टी सीएम केशव मौर्य का नाम सामने आ रहा है। बताया जा रहा है कि केशव प्रसाद मौर्य चूंकि ग्रामीण विकास के मंत्री हैं इसलिए ज्यादा संभव है कि ये जिम्मेदारी उन्हीं को सौंपी जा सकती है।

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क्या केशव को मिलेगी जिम्मेदारी

अगर केशव मौर्य को यह विभाग मिलता है तो एक बार फिर उनके कद में बढ़ोतरी मानी जाएगी। चुनाव हारने के बाद पहले ही वह योगी सरकार में डिप्टी सीएम जैसा अहम पद पा चुके हैं। साथ ही उन्हें विधान परिषद में सदन के नेता के रूप में यूपी भाजपा के पूर्व प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह की जगह भी मिल गई है। हालांकि यूपी सरकार के अधिकारियों ने इस मुद्दे पर टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा कि अंतिम कॉल सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा लिया जाएगा।

केंद्र की तर्ज पर योगी सरकार उठा सकती है कदम

लेकिन मौर्य के करीबी सूत्र नीति आयोग की सिफारिशों की ओर इशारा करते हैं जो समान प्रकृति के विभागों को एक साथ मिलाने की बात हो रही है। केंद्र में ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्रालय का नेतृत्व पहले से ही वरिष्ठ भाजपा नेता और बेगूसराय (बिहार) के सांसद गिरिराज सिंह कर रहे हैं। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “राज्य सरकार भी इसका केंद्र की तरह ही यहां भी समान विभागों को एक करने के लिए ऐसा कदम उठा सकती है।”

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कई विभागों को एक में मिलाने की पहले ही चल रही तैयारी

मौर्य के पास ग्रामीण विकास के अलावा ग्रामीण इंजीनियरिंग, खाद्य प्रसंस्करण, मनोरंजन कर और सार्वजनिक उद्यम और राष्ट्रीय एकीकरण विभाग भी हैं। सूत्र बताते हैं कि जिस तरह से जल शक्ति मंत्रालय बनाने के लिए सिंचाई विभाग को लघु सिंचाई और जल संसाधनों के साथ मिला दिया गया था। इसका नेतृत्व वर्तमान में यूपी भाजपा के पूर्व प्रमुख स्वतंत्र देव सिंह कर रहे हैं। यह भी केंद्र के अनुरूप ही बनाया गया था। केंद्र में जोधपुर के सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत द्वारा संचालित एक पूर्ण जल शक्ति मंत्रालय है।

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भूपेंद्र सिंह ने पंचायती राज में किया अच्छा काम

भूपेंद्र चौधरी को 2017 में योगी-1.0 सरकार में पंचायती राज मंत्री बनाया गया था। 2022 में भाजपा के सत्ता में लौटने के बाद उन्हें फिर से विभाग सौंप दिया गया था। चौधरी को ग्रामीण इलाकों में शौचालयों के निर्माण के लिए स्वच्छ भारत अभियान के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए श्रेय दिया गया था। राजनीतिक विशेषज्ञों कुमार पंकज की माने तो जिस किसी को भी पोर्टफोलियो मिलेगा, उसे पंचायती राज में एक नया बेंचमार्क स्थापित करना होगा। भाजपा 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए तैयार होने के बावजूद अपनी स्थिति को और मजबूत करने के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में गहरी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।