उदयपुर-अहमदाबाद रेलवे लाइन पर विस्फोट मामले में नया मोड़ आ गया है। जांच टीम का कहना है कि ब्लास्ट करने वालों का मकसद चोरी नहीं था। धमाके को फ्यूज वायर के जरिये अंजाम दिया गया था।
जांच अधिकारियों का मानना है कि तकरीबन 10 से 15 मीटर लंबी तार के जरिये फ्यूज जला होगा। जांच एजेंसियां टेरर एंगल और स्थानीय विवाद समेत 3 मुद्दों को ध्यान में रखते हुए छानबीन कर रही हैं। हालांकि, अभी तक धमाका करने वाले आरोपियों की पहचान नहीं हो सकी है। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां लगातार जांच में जुटी हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले को जल्द ही NIA को सौंपा जा सकता है। इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि NIA को बुलाया गया है। वह देख रही है कि यह घटना कैसे हुई। एफएसएल की टीम भी मौके पर पहुंची है। इस मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है।
मामले की जांच में जुटे अधिकारियों ने बताया कि अभी तक विस्फोट करने वालों के बारे में कोई ठोस सुराग नहीं मिल सका है। खुफिया और सुरक्षा एजेंसियां लगातार मामले की छानबीन कर रही है। राजस्थान में उदयपुर-अहमदाबाद में बने नए रेलवे ट्रैक को विस्फोट कर उड़ाने की कोशिश की गई थी। ओडा पुलिया के समीप डेटोनेटर से ब्लास्ट किया गया था। इस धमाके में रेलवे ट्रैक बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई। उत्तर-पश्चिम रेलवे के सीपीआरओ शशिकिरण ने बताया कि रेलवे ने बीती रात साढ़े तीन बजे रेलवे ट्रैक की मरम्मत का काम पूरा कर लिया गया। इसके साथ ही एहतियात के तौर पर एक रेलवे इंजन का ट्रायल रन भी किया गया।
धमाके से 4 घंटे पहले गुजरी थी ट्रेन
रेलवे पुलिया पर धमाके से 4 घंटे पहले ही इस ट्रैक से ट्रेन गुजरी थी। घटना के बाद अहमदाबाद से उदयपुर आ रही ट्रेन को डूंगरपुर में रोक दिया गया। मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 31 अक्टूबर को ही इस लाइन का उद्घाटन किया था। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा था कि मौके पर ATS, NIA और रेल पुलिस जांच कर रही है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।