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देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर चल रहीं चर्चाओं के बीचविदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इसपर अपने विचार साझा किए हैं। उन्होंने कहा कि एजुकेशन और सोशल अवेयरनेस की वजह से भारत की जनसंख्या में लगातार गिरावट देखी जा रही है।

 

गुजरात में एक इवेंट में बोलते हुए विदेश मंत्री ने कहा कि भारतीय जनसंख्या की वृद्धि दर गिरने लगी है। इसके कुछ कारण हैं, जिनमें शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि शामिल हैं। देश में अब हर परिवार का आकार समय के साथ-साथ छोटा होता जा रहा है।

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जयशंकर ने गुजरात के इस इवेंट में रविवार को अपनी बुक ‘द इंडिया वे: स्ट्रैटेजीज फॉर एन अनसर्टेन वर्ल्ड’ को गुजराती भाषा में लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने जनसंख्या से जुड़े कई पहलुओं पर विस्तार से बात की और कहा कि शिक्षा, सामाजिक जागरूकता और समृद्धि जैसे कारणों की वजह से भारत की जनसंख्या में निरतंर गिरावट आ रही है। उन्होंने कहा, ‘आजादी के बाद से भारत ने अपनी जनसांख्यिकीय संरचना में काफी ज्यादा बदलाव देखा है। देश की जनसांख्यिकीय संरचना, जनसंख्या विस्फोट (जनगणना 1951) से भी गुजरी है। यही नहीं, कुल प्रजनन दर (फर्टिलिटी रेट) में भी गिरावट देखी गई है।

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2030 तक 150 करोड़ हो जाएगी आबादी

वहीं, अलग-अलग मृत्यु दर संकेतकों में काफी सुधार हुआ है. हालांकि लिविंग स्टैंडर्ड में सुधार करने, स्किल और ट्रेनिंग देने, रोजगार पैदा करने के मामले में जनसांख्यिकीय लाभ हासिल करने में अभी कई बाधाएं मौजूद हैं। यूएन वर्ल्ड पॉपुलेशन प्रॉस्पेक्ट्स (WPP) 2022 के मुताबिक, भारत 2023 तक 140 करोड़ आबादी के साथ चीन को पछाड़ देगा और दुनिया का सबसे ज्यादा जनसंख्या वाला देश बन जाएगा. भारत में इस समय विश्व की आबादी का 17.5 प्रतिशत हिस्सा वास करता है। यही नहीं, WPP का यह भी अनुमान है कि भारत की आबादी 2030 तक 150 करोड़ और 2050 तक 166 करोड़ का आंकड़ा पार कर लेगी।

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