English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-06-30 081409

उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल की हत्या को लेकर राज्य सरकार पर कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने सवाल उठाए हैं कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने उन्हें हिदायत देते हुए कहा कि आपने दूसरी बार लक्ष्मण रेखा पार की है जयराम रमेश ने कहा कि आपने जो लिखा है वह तथ्यों से बहुत परे है

 

कांग्रेस ने बुधवार को उदयपुर में एक दर्जी की नृशंस हत्या के बाद अशोक गहलोत सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाने वाली टिप्पणी के लिए अपने नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को फटकार लगाते हुए कहा कि उनकी टिप्पणी तथ्यों से रहित है और उन्हें ”लक्ष्मण रेखा” पार करने से पहले कम से कम एक बार इस पर विचार करना चाहिए था।

Also read:  दुबई के भविष्य के संग्रहालय से फेरारी वर्ल्ड अबू धाबी तक, संयुक्त अरब अमीरात के शीर्ष आकर्षण जो लगभग हर दिन बिकते हैं

उल्लेखनीय है कि राजस्थान के उदयपुर में दो लोगों ने दर्जी कन्हैया लाल की हत्या कर दी और एक वीडियो में गुनाह कबूल करते हुए कहा कि वे ”इस्लाम के अपमान” का बदला ले रहे हैं। कृष्णम ने एक ट्वीट में गहलोत सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए पूछा कि धमकी मिलने के बावजूद कन्हैया को सुरक्षा मुहैया क्यों नहीं कराई गई और आरोप लगाया कि हत्यारों के साथ-साथ पुलिस और प्रशासन भी समान रूप से जिम्मेदार है।

Also read:  कोलकाता में बाईपास के पास झुग्ग‍ियों में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड की 15 गाड़‍ियां मौके पर

उन्होंने पूछा, ”एसएसपी, डीआईजी के खिलाफ अब तक कार्रवाई क्यों नहीं की गई।” कृष्णम ने यह भी पूछा कि क्या राजस्थान में कांग्रेस सरकार का इकबाल पूरी तरह से खत्म हो गया गया है। कृष्णम को निशाने पर लेते हुए, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने उनसे ट्विटर पर कहा कि उन्हें दूसरी बार “लक्ष्मण रेखा” पार करने से पहले कम से कम एक बार इस पर विचार करना चाहिए था।

Also read:  केंद्र सरकार ने भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ आंदोलन कर रहे पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने कृष्णम के ट्वीट को टैग करते हुए कहा, ”आपने जो लिखा है वह तथ्यों से बहुत परे है।” पिछले सप्ताह कांग्रेस ने कृष्णम की इस टिप्पणी ”महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को सीएम पद छोड़ने में एक पल भी देरी नहीं करनी चाहिए” से खुद को दूर कर लिया था और कहा था कि ये न तो पार्टी के विचार हैं और न ही वह अधिकृत प्रवक्ता हैं।