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कोविड-19 के बाद से चेन्नई की मेट्रो में यात्रियों की संख्या बढ़ी है। फिलहाल शहर में 40 ही सक्रिय स्टेशन हैं। वर्तमान में केवल आधे शहर में ही मेट्रो स्टेशन हैं।

इसलिए चेन्नई शहर और उसके आसपास कनेक्टिविटी की कमी है। मेट्रो रेल फेज 2 परियोजना का काम पूरे चेन्नई शहर में चल रहा है। अगर फेज 2 परियोजना जल्द ही पूरी हो जाती है तो पूरे चेन्नई में मेट्रो की कनेक्टिविटी होगी। फेज 2 में अनअटेंडेड ट्रेन को शामिल किया गया है। यह भारत का पहला अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन होगा। 

ANI के अनुसार चेन्नई मेट्रो रेल फेज 2 परियोजना को पूरा करने का अनुमानित समय 4 साल है। दूसरे फेज में 128 स्टेशनों के साथ 118.9 किलोमीटर नेटवर्क की लंबाई के लिए विस्तार की योजना बनाई गई है। इसमें तीन कॉरिडोर हैं, पहला कॉरिडोर माधवरम से सिपकोट तक (45.8 किमी), दूसरा कॉरिडोर लाइटहाउस से पूनमल्ले बाईपास तक (26.1 किमी) और तीसरा कॉरिडोर माधवरम से शोलिंगनल्लूर तक (47 किमी)। परियोजना की अनुमानित लागत 63246 करोड़ रुपये है। यह प्रस्ताव भारत सरकार की प्रक्रिया और अनुमोदन के अधीन है। इस परियोजना को 2026 के अंत तक पूरा करने का प्रस्ताव है।

चेन्नई मेट्रो रेल के निदेशक, सिस्टम और संचालन, राजेश चतुर्वेदी ने मेट्रो रेल फेज 2 परियोजना के बारे में बात करते हुए कहा कि फेज 2 को पूरा करना हमारे लिए एक बहुत ही चुनौतीपूर्ण कार्य है। फेज 2 में हमें अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन मिला जो पूरी तरह से सिग्नल पर आधारित है, इसमें कोई ड्राइवर नहीं होगा। इस तरह का काम भारत में पहले कभी नहीं हुआ है। भारत का पहला अनअटेंडेड ट्रेन ऑपरेशन जल्द ही चेन्नई में शुरू होगा।

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उन्होंने आगे कहा कि सामान्य वर्किंग डे में 2 लाख यात्री प्रतिदिन यात्रा करते हैं। यहां तक कि हम स्टेशनों से नजदीकी दूरी को कवर करने के लिए ओला, उबर और रैपिडो के साथ काम कर रहे हैं। और इसका परिणाम काफी उत्साहजनक है। हमने यात्रियों को यात्रा करने और उनके गंतव्य तक पहुंचाने के लिए एमटीसी के साथ समझौता भी किया है।

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