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जोधपुर के लोहावट थाना (Lohawat police station of jodhpur) क्षेत्र से एक हृदय विदारक घटना सामने आई है। जहां एक शख्स ने अपने माता-पिता और दो बेटों की हत्या के बाद खुद भी खुदकुशी कर ली।

 

जिले के ग्रामीण क्षेत्र के लोहावट थाना (Lohawat police station of jodhpur) इलाके के पीलवा गांव में नशे में धुत (heart breaking incident in jodhpur) एक शख्स ने अपने मां-बाप और दो बेटों को मौत के घाट उतार दिया। इसके बाद आरोपी ने भी खुदकुशी कर ली। घटना के बाद मीडियाकर्मियों से मुखातिब हुए जिला पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) अनिल कयाल ने बताया कि शुक्रवार की सुबह लोहावट थाना पुलिस को घटना की जानकारी मिली थी। जिसके बाद जोधपुर से एफएसएल की टीम को रवाना किया गया है।

वहीं, थाना अधिकारी बद्री प्रसाद मीणा (SHO Badri Prasad Meena) ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 8 बजे घटना की सूचना मिली। उन्होंने कहा कि पीलवा गांव के पास शंकर बिश्नोई के खेत में यह घटना घटी। पुलिस ने बताया कि 38 वर्षीय शंकर बिश्नोई अपने भाई माता-पिता के साथ खेत में ही रहता था और वो नशे का आदि था। इसको लेकर घर वाले भी उससे खासा परेशान थे।

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इधर, गुरुवार की रात को आरोपी ने परिवार के सभी सदस्यों को शिकंजी में नींद की गोलियां मिलाकर पिला दी थी। इसके बाद शुक्रवार की सुबह उसने सबसे पहले घर से करीब 100 मीटर दूर खेत में सो रहे अपने पिता सोनाराम (55) की कुल्हाड़ी से काटकर हत्या दी। वहीं, पिता की हत्या के बाद आरोपी सीधे घर आया, जहां उसने अपनी मां चंपा देवी (55) और 12 साल के बेटे लक्ष्मण पर कुल्हाड़ी से कई वार किए, जिसमें दोनों की मौत हो गई। इसके बाद उसने दोनों को घर के पानी के टांके में डालने के बाद खुद भी पड़ोस में अपने मामा के टांके में जाकर कूद गया।

छोटे बेटे को पानी के टांके में डाला: पुलिस ने बताया कि मां-बाप और बड़े बेटे की हत्या कर उन्हें पानी के टांके में डालने के बाद वह सुबह 5 बजे अपनी पत्नी के पास आया। जहां उसने छोटे बेटे दिनेश (8) को उठाया तो पत्नी की आंख खुली गई। इस पर उसने कहा कि पेशाब करा कर ला रहा हूं। इधर, नींद की गोलियां लेने से पत्नी उठ नहीं पाई। ऐसे में शंकर ने अपने छोटे बेटे को उठाया और सीधे पानी के टांके में डाल दिया। इसके बाद पड़ोस के खेत में अपने मामा के घर बने पानी के टांके में जाकर खुद कूद गया।

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पिता ने अस्पताल में तोड़ा दम: थाना अधिकारी बद्री प्रसाद मीणा ने बताया कि वह जब मौके पर पहुंचे तो उसके पिता की सांस चल रही थी. सोनाराम को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। शंकर का शव भी ग्रामीणों ने टांके से बाहर निकाला। फिलहाल घटना का कोई बड़ा कारण सामने नहीं आया है। पूरी खेतीबाड़ी का हिसाब किताब उसके पास ही था।

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दो दिन से दे रहा था नींद की गोलियां: शंकर और उसके भाई की पत्नी ने बताया कि बुधवार की रात को भी उसने सबको 22 गोलियां दी थी। इस दौरान उसने कहा कि दिनभर खेत में मूंगफली तोड़ने से सब थक जाते हो, ये गोलियां खा लो अच्छी नींद आएगी। इसके बाद उसने गुरुवार रात को शिकंजी में मिलाकर सबको तीन-तीन गोलियां दे दी। जिससे सभी गहरी नींद में सो गए।

भाई का कमरा अंदर से था बंद, सो बच गए: पुलिस ने बताया कि शंकर ने जब गुरुवार रात को नींद की गोलियां सबको दी तो उसने अपने भाई की पत्नी से कहा कि यह गोलियां लो, इससे तुम्हें आराम मिलेगा नहीं तो कल सुबह अस्पताल ले जाकर जांच करवाएंगे। इसके बाद उसका भाई अपनी पत्नी और बच्चे के साथ कमरे में चला गया और अंदर से दरवाजा बंद कर लिया। जिसके चलते वे शंकर की सनक से बच गए।