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ज्ञानवापी प्रकरण में सोमवार को दो अदालतों में अलग-अलग मुकदमों पर सुनवाई है।

जिला जज अदालत में शृंगार गौरी के मूल वाद की मेरिट पर प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता अपना पक्ष रखेंगे। वहीं, सिविल जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) की अदालत में ज्ञानवापी में हिंदुओं को पूजा करने के अधिकार व विग्रह सौंपने के वाद पर सुनवाई शुरू होगी।

उधर जिला जज की अदालत ज्ञानवापी परिसर के सर्वे से संबंधित वीडियो फुटेज, फोटोग्राफ आदि पक्षकारों को सौंप सकती है।

उल्लेखनीय है कि 18 अगस्त 2021 को दिल्ली की राखी सिंह सहित पांच महिलाओं ने सिविल जज (सीनियर डिवीजन) की अदालत में याचिका दायर कर ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी सहित अन्य विग्रहों के पूजन के अधिकार की मांग की थी। अदालत के आदेश पर ज्ञानवापी परिसर में कोर्ट कमीशन की कार्यवाही हुई जिसकी रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी जा चुकी है। इस कार्यवाही के विरोध में मुस्लिम पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट से मूल वाद की मेरिट पर सुनवाई और सर्वे को रोकने की मांग की।

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सुप्रीम कोर्ट ने मेरिट पर सुनवाई से इनकार करते हुए मुकदमे को जिला जज की अदालत में स्थानांतरित कर दिया था। जिला जज की अदालत में मेरिट के मुद्दे पर 26 मई को सुनवाई शुरू हुई है। उस दिन मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने लगातार दो घंटे तक अपना पक्ष रखा था। उस दिन दलील पूरी न होने पर अदालत ने 30 मई की तिथि मुकर्रर की थी। सोमवार को मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अपनी दलील रखेंगे।

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काशी स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंगों में एक भीमेश्वर के प्राकट्यस्थल काशी करवत मंदिर परिसर में रविवार को डॉ. दिनेश अंबाशंकर उपाध्याय को विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति तिवारी ने महंत की पगड़ी पहनाई। साथ में हैं पं. गणेश शंकर उपाध्याय जिन्होंने अपना महंत पद छोड़ दिया है।

वाद की मेरिट पर मुस्लिम पक्ष देगा दलील

1. जिला जज की अदालत में मेरिट पर सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने लगातार दो घंटे तक अपना पक्ष रखा

2. मेरिट पर सुनवाई के दौरान दलील पूरी न होने पर अदालत ने 30 मई की तिथि मुकर्रर की थी। सोमवार को मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता अपनी दलील रखेंगे

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बिसेन की याचिका एफटीसी में सुनी जाएगी

शृंगार गौरी प्रकरण में वादी राखी सिंह के चाचा व विश्व वैदिक सनातन संघ प्रमुख जितेंद्र सिंह बिसेन की पत्नी किरण सिंह ने 24 मई को सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत में याचिका दायर कर ज्ञानवापी में दर्शन-पूजन, मुस्लिमों के प्रवेश पर रोक और मस्जिद सौंपने की मांग की है। अदालत ने 25 मई को सुनवाई की तिथि तय की। सुनवाई शुरू होने से कुछ मिनट पहले ही जिजा जज ने वाद को सिविल जज (फास्ट ट्रैक कोर्ट) महेंद्र पांडेय की कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया। एफटीसी कोर्ट ने 30 मई को सुनवाई की तिथि तय की है।