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तुर्की में विनाशकारी भूकंप ने सब कुछ तबाह कर दिया है।भूकंप के झटकों के बाद हर तरफ से लाशें ही लाशें निकल रही हैं। बड़ी-बड़ी इमारतें खंडहर में तब्दील हो गई है। जो बचे हैं वो अपने इमारतों के मलबे में अपने परिवार के सदस्यों को इस उम्मीद में खोज रहे हैं कि काश कोई जिंदा मिल जाए।

 

सोमवार से लेकर अभी तक तुर्की और सीरिया में कुल 21000 से अधिक लोग मौत की नींद सो चुके हैं। लापता कितने हैं इसका तो कोई अंदाजा ही नहीं है।

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भारत का भी एक नागरिक लापता है। उत्तराखंड के रहने वाले 36 वर्षिय विजय कुमार का अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है। विजय कुमार अपनी कंपनी की ओर से तुर्की विजिट पर गए थे। विजय कुमार इसी महीने के आखिरी में भारत लौटने वाले थे। उससे पहले ही भूकंप ने तुर्की में सब कुछ तबाह कर दिया. विजय कुमार बेंगलुरु स्थिति एक ऑक्सीप्लांट नाम की प्राइवेट कंपनी में जॉब करते हैं।

23 जनवरी को तुर्की पहुंचे थे विजय

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, ऑक्सीप्लांट के टेक्निकल कंसलटेंट और विजय कुमार के बड़े भाई अरुण ने बताया कि विजय कुमार पिछले महीने की 23 तारीख को तुर्की पहुंचे थे। रविवार को उनसे आखिरी बार बात हुई थी। अरुण ने कहा, मैं भारतीय दूतावास के अधिकारियों के साथ संपर्क में हूं। गुरुवार को भी दूतावास के अधिकारियों से मेरी बात हुई थी। उन्होंने बताया है कि उनके भाई के बारे में कोई अपडेट नहीं है। मुझे अभी तक यह पता नहीं चला है कि मेरे भाई कहा है, सुरक्षित है या नहीं।

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जिस होटल में ठहरे थे वो ढह गया है

रिपोर्ट के मुताबिक, अरुण ने कहा कि विजय कुमार को आखिरी बार जहां देखा गया था वहां राहत व बचाव कार्य में काफी दिक्कतें आ रही हैं क्योंकि उसके बगल में ही पेट्रोल पंप है। ऐसे में बहुत ज्यादा सावधानी बरतनी पड़ रही है।परिवार के मुताबिक, विजय कुमार जिस होटल में ठहरे में तो ढह गया है।पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, विजय कुमार का फोन उठ रहा है लेकिन उधर से कोई रिप्लाई नहीं आ रहा है।

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