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बिहार में जहरीली शराब से मौत के बाद एकबार फिर यहां शराबबंदी कानून पर सवाल उठने लगे हैं। नीतीश सरकार में शामिल सबसे बड़ी दल बीजेपी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल ने शराबबंदी कानून की समीक्षा की मांग की है। तो वहीं HAM ने कहा है कि जब कृषि कानून वापस लिया जा सकता है तो शराबंदी कानून क्यों नहीं।

 

बिहार के नालंदा (Nalanda Bihar) में जहरीली शराब से मौत के बाद शराबबंदी कानून पर एकबार फिर सवाल उठने लगा है। पहले बिहार में शराबंदी पर विपक्ष हमलावर था अब बिहार में शराबबंदी कानून पर नीतीश कुमार की सरकार में शामिल उनके सहयोगी दल भी सवाल उठा रहे है और शराबंदी की समीक्षा की मांग कर रहे हैं। जिसके बाद शराबबंदी कानून पर नीतीश कुमार अलग-थलग दिख रहे हैं। बिहार बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ संजय जायसवाल ने शराबबंदी कानून पर बयान दिया है कि बिहार में शराबबंदी कानून फेल है। उन्होंने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा था कि बिहार के कई इलाकों में शराब की बिक्री हो रही है। स्‍थानीय स्‍तर पर मिलीभगत के कारण शराब पीने-पिलाने का दौर जारी है। डॉ. जायसवाल ने कहा कि शराबबंदी को पुन: देखने की जरूरत है। उन्‍होंने शराबबंदी की समीक्षा करने की मांग की है।

तो वहीं शराबबंदी कानून पर पहले भी सवाल उठा चुकी जीतनराम मांझी ने फिर इसपर हमला बोला है। हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने बयान जारी कर कहा है कि अगर कृषि कानून वापस लिए जा सकते हैं तो बिहार में शराबबंदी कानून क्यों नहीं। इससे पहले भी HAM सुप्रीमो जीतनराम मांझी कई बार शराबबंदी कानून पर सवाल उठ चुके हैं। पहले भी उन्होंने कहा था कि शराबबंदी के नाम पर गरीब लोगों को प्रताड़ित किया जा रहा है। जबकि बड़े लोग इसकी चपेट में नहीं आते हैं. उन्होंन कहा था कि बड़े-बड़े अधिकारी मंत्री सभी रात के 10 बजे के बाद शराब पीते हैं।

कांग्रेस बीजेपी एकसाथ

मजेदार बात यह है कि शराबंबदी कानून को गलत बताने के लिए कांग्रेस बीजेपी के बयान का समर्थन कर रही है। बिहार में कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा ने कहा है कि अगर सरकार में शामिल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल शराबबंदी की समीक्षा की जरूरत बता रहे हैं तो इस पर तुरंत कदम आगे बढ़ाने की जरूरत है। अजीत शर्मा ने कहा है कि देर से ही सही लेकिन बीजेपी को यह बात समझ में आ गई है कि बिहार में लागू शराबबंदी की हकीकत क्या है। अजीत शर्मा ने यह भी कहा है कि संजय जयसवाल समीक्षा की बात कह रहे हैं उसका मैं पक्षधर हूं।