भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने फिक्की के एक कार्यक्रम में चीन को खूब धोया है। उन्होंने चीन को निशाने पर लेते हुए कहा कि अगर हम भारत के सुपर पावर और विकसित होने की बात कर रहे हैं, तो इसका मतलब यह कभी नहीं होगा कि हम किसी दूसरे देश को डॉमिनेट करना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, “ना ही दुनिया के किसी देश की एक इंच जमीन पर कब्जा करने की हमारी मंशा है।” उन्होंने कहा कि हम दुनिया के कल्याण के लिए सुपर पावर बनना चाहते हैं। वहफिक्की के 95वां एनुअल कन्वेंशन को संबोधित कर रहे थे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि हम भारत की संस्कृति में विश्वास करते हैं। वसुधैव कुटुंबकम् का संदेश भारत ने पूरे विश्व की एकजुटता के लिए दिया है। उन्होंने कहा कि भारत निराशा से पूरी तरह उबर चुका है, जो 2013 तक छाई हुई थी और विश्व के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है। रक्षा मंत्री ने भारत-चीन अर्थव्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि 1949 में जब चीन में आंदोलन हुआ तब उनका जीडीपी भारत से कम था। उन्होंने कहा कि 1980 तक भारत और चीन साथ में कदमताल करते रहे थे।
भारत अब साढ़े तीन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था
80 के दशक के बाद चीन ने अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए कई आर्थिक सुधार किए और लंबी छलांग लगाई और इसके बाद उसने तमाम देशों को आर्थिक सुधारों के मामले में पीछे छोड़ दिया। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि दुनिया की टॉप 10 अर्थव्यवस्थाओं में भारत की वापसी 21वीं शताब्दी में होती है और बढ़त का सिलसिला आरंभ होता है। उन्होंने कहा कि, लेकिन 80 के दशक में भारत में अर्थव्यवस्था जिस गति से चल रही थी वह पर्याप्त नहीं थी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के साढ़े आठ साल के दौर में 3.5 ट्रिलियन डॉलर कि अर्थव्यवस्था के साथ भारत दुनिया में 5वें नंबर की अर्थव्यवस्था बन चुका है।
भारत फ्रजाइल 5 से निकलकर फैबुलस 5 में पहुंचा
रक्षा मंत्री ने फिक्की के कार्यक्रम में आगे कहा कि हमारा भारत फ्रजाइल 5 की कैटेगरी से निकलकर फैबुलस 5 में पहुंच चुका है, यह पिछले साढ़े 8 वर्षों में हुआ है। उन्होंने कहा कि जब मोदी जी प्रधानमंत्री बने थे तब भारत दुनिया की 9वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी और हमारी इकोनॉमी का आकार हुआ करती थी करीब दो ट्रिलियन डॉलर।