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उच्चतम न्यायालय ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को यह सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में ईंट भट्ठों का औचक निरीक्षण करने का निर्देश दिया है कि पर्यावरण मंत्रालय द्वारा जारी अधिसूचना के अनुसार उत्पादन हो।

 

पीठ ने एनसीआर में ईंट भट्ठों के संचालन के लिए कई निर्देश पारित किए

 

न्यायमूर्ति के एम जोसेफ और न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय की पीठ ने एनसीआर में ईंट भट्ठों के संचालन के लिए कई निर्देश पारित किए। शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि उत्तर प्रदेश और हरियाणा में स्थित उन इकाइयों को कुछ शर्तों के साथ संचालन की अनुमति है, जिनके पास इसके लिए मंजूरी है और जिन्होंने अपनी उत्पादन क्षमता घोषित की है।

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पीठ ने कहा, ”केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों को इकाइयों का संचालन कर रहे लोगों को कोई नोटिस और चेतावनी दिए बिना यह सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर औचक निरीक्षण करना चाहिए कि पूर्वोक्त अधिसूचना के संदर्भ में उत्पादन हो रहा है।” उसने कहा, ”उत्पादन इस शर्त पर किया जाएगा कि वह संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा दी गई मंजूरी के अनुसार तय उत्पादन क्षमता तक ही सीमित होगा।”

 

क्या अदालत के आदेश की अवहेलना हुई है?

 

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शीर्ष अदालत ने यह भी निर्देश दिया कि इकाइयों को चलाने वाले व्यक्ति हर चक्र के अंत में अपनी इकाइयों में किए गए वास्तविक कुल उत्पादन (प्रत्येक चक्र से उत्पन्न) की जानकारी संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को देंगे। पीठ ने कहा, ”राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को उक्त आंकड़ों की तुरंत जानकारी देंगे और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अगली सुनवाई की तारीख पर उत्पादन को दर्शाने वाला एक चार्ट तैयार करेगा, ताकि न्यायालय विश्लेषण कर सके कि क्या अदालत के आदेश की अवहेलना हुई है?”

 

उसने कहा कि केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड उस प्रदूषण पर नजर रखेंगे, जो उन इकाइयों के कारण हो रहा है, जिन्हें संचालन की अनुमति दी गई है। मामले की आगे की सुनवाई के लिए छह मई की तिथि तय की गई। शीर्ष अदालत ने जिगजैग प्रौद्योगिकी, लंबवत शाफ्ट या ईंट भट्ठों में ईंधन के रूप में पाइप से दी जाने वाली प्राकृतिक गैस के उपयोग को अपनाने का आदेश दिया। शीर्ष अदालत ने ईंट भट्ठों में जिगजैग प्रौद्योगिकी के इस्तेमाल के संबंध में राष्ट्रीय हरित अधिकरण के आदेश को चुनौती देने वाली विभिन्न ईंट भट्ठा संघों की याचिकाओं के एक समूह पर सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया।

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