English മലയാളം

Blog

नई दिल्ली: 

पिछले सात महीने से भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा पर तनातनी और गतिरोध (India-China standoff on border) के बीच सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवने (Army Chief general MM Narvane)  ने बुधवार (23 दिसंबर) को पूर्वी लद्दाख (Eastern Laddakh)  में विभिन्न उच्च ऊंचाई वाले क्षेत्रों का दौरा किया और भारत की समग्र सैन्य तैयारी की समीक्षा की. सेना के आधिकारिक सूत्रों ने इसकी पुष्टि की है. सेना ने कहा कि जनरल नरवणे ने नियंत्रण रेखा से सटे रिचिन ला सहित पूर्वी लद्दाख की अग्रिम चौकियों और क्षेत्रों का दौरा किया और लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के साथ मौजूदा स्थिति का जायजा लिया.

Also read:  संजय रावत का जांच एजेंसियों पर हमला, कहा-ED- NCB जैसी केंद्रीय एजेंसियों के सामने खड़ा रहेगा महाराष्ट्र'

पूर्वी लद्दाख के विभिन्न पहाड़ी क्षेत्रों और तीव्र उंचाई वनाले स्थानों पर भारतीय सेना के करीब 50,000 जवान शून्य डिग्री तापमान में तैनात हैं जो युद्ध की स्थिति में तत्परता से जवाब देने को सक्षम हैं. सूत्रों के मुताबिक चीन ने भी इतनी ही संख्या में वहां सैनिक तैनात कर रखे हैं.

इस मौके पर लेह स्थित 14वीं कोर कमांड जिसे ‘फायर एंड फ्यूरी’ कोर के रूप में जाना जाता है, के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल पीजीके मेनन ने पूर्वी लद्दाख में स्थिति के विभिन्न पहलुओं पर सेना प्रमुख को जानकारी दी. सूत्रों ने बताया कि सेना प्रमुख एक दिन के लेह दौरे पर आज सुबह 8.30 बजे लद्दाख पहुंचे. उनके दौरे का मुख्य मकसद कड़ाके की ठंड के बीच इलाके में वस्तुस्थिति का जायजा लेना था.

Also read:  मध्यप्रदेश: खंडवा जिले में ज्योतिरादित्य सिंधिया की चुनावी जनसभा में किसान की मौत

सेना ने ट्वीट किया, “जनरल एमएम नरवाना #COAS ने रीचिन ला सहित #FireandFury Corps के आगे के क्षेत्रों का दौरा किया और LAC पर वस्तुस्थिति का मूल्यांकन किया. उन्हें #GOC #FireandFor Corps और अन्य स्थानीय कमांडरों द्वारा सेना की तैयारियों पर जानकारी दी गई.”

सेना ने कहा कि जनरल नरवाने ने दुर्गम क्षेत्रों में तैनात सैनिकों से बातचीत की और उनकी हौसला आफजाई की. सेना प्रमुख ने सैनिकों से ‘समान उत्साह’ के साथ काम करते रहने को प्रेरित किया.

Also read:  बागेश्वरधाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री के दिव्य दरबार को चुनौती देने वाले श्याम मानव की परेशानिया बढ़ने वाली