माकपा नेता साजी चेरियान ने बुधवार को फिर से पिनाराई विजयन सरकार में मंत्री पद की शपथ ली। करीब छह महीने पहले उन्होंने संविधान के खिलाफ अपनी कथित टिप्पणी को लेकर बवाल के बाद मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था। उनके शपथ को लेकर कांग्रेस ने आलोचना की है। वहीं शपथ समारोह में कांग्रेस ने भाग नहीं लिया।
चेरियन को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राजभवन में पद की शपथ दिलाई। शपथ ग्रहण समारोह में विधानसभा अध्यक्ष ए एन शमसीर, मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, सत्तारूढ़ एलडीएफ के कुछ विधायक और कुछ वामपंथी नेता उपस्थित थे।
कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राजभवन तक मार्च किया
कांग्रेस के कई कार्यकर्ताओं ने साजी चेरियान को फिर से केरल कैबिनेट में मंत्री बनाए जाने के खिलाफ बुधवार को राजभवन तक मार्च किया। संविधान। विवाद में अदालत से क्लीन चिट मिलने से पहले पार्टी ने चेरियन के शपथ ग्रहण के खिलाफ राज्य भर में विरोध कार्यक्रमों की घोषणा की। विरोध मार्च का उद्घाटन करते हुए, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता वी डी सतीसन ने कहा कि चेरियन को अपना मंत्री पद छोड़ना पड़ा क्योंकि उन्होंने संविधान का अपमान किया था।
कांग्रेस ने कहा कि परिस्थितियों में अब भी कोई बदलाव नहीं आया है और किसी भी अदालत ने उन्हें आज तक बरी नहीं किया है। उनके खिलाफ मामले मजिस्ट्रेट अदालत और उच्च न्यायालय दोनों के समक्ष लंबित हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि अदालत से अंतिम फैसला आने से पहले उन्हें फिर से कैबिनेट में शामिल करने का फैसला संविधान का अपमान है, पार्टी इसे किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकती।
विपक्षी भाजपा ने चेरियन को मंत्रिमंडल में फिर से शामिल करने के सत्तारूढ़ माकपा के फैसले के खिलाफ राज्य के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने मंत्री के शपथ ग्रहण के खिलाफ यहां पार्टी के ‘संविधान संरक्षण दिवस’ कार्यक्रम का उद्घाटन किया। उन्होंने दावा किया कि यह इतिहास में पहली बार है कि एक मंत्री, जिसे संविधान का अपमान करने के लिए पद छोड़ना पड़ा, उसको कैबिनेट में वापस लाया जा रहा है।