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करौली जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए नाइट कर्फ्यू का समय बढ़ा दिया गया है।

राजस्थान (Rajasthan) के हिंसा प्रभावित करौली शहर (Karauli City) में सामुदायिक समूहों के साथ शांति बैठक के बाद रविवार को कर्फ्यू (curfew) में सुबह 9 बजे से 5 बजे तक की ढील दी गई। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है।

अधिकारी ने बताया कि करौली जिले में कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए एहतियात के तौर पर 12 अप्रैल तक कर्फ्यू जारी रहेगा। करौली जिला कलेक्टर राजेन्द्र सिंह शेखावत ने बताया कि “शांति बैठक के बाद कर्फ्यू में सुबह 9 बजे से शाम 5 बजे तक छूट दी गई है। एहतियात के तौर पर 12 अप्रैल तक रात में कर्फ्यू प्रभावी रहेगा।”

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मंत्री ने की शांति बनाए रखने की अपील

अधिकारी ने बताया कि जिले में शांति व्यवस्था कायम रखने के लिये हिंडौन ब्लॉक में 10 और 11 अप्रैल के लिये लगभग 1100 लोगों को पाबंद किया है। पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा ने भी करौली में कानून व्यवस्था का जायजा लिया और लोगों से शांति व भाईचारा बनाए रखने की अपील की। उल्लेखनीय है कि नव संवत्सर के उपलक्ष्य में दो अप्रैल को हिंदू संगठनों की ओर से निकाली गई मोटरसाइकिल रैली पर मुस्लिम बहुल क्षेत्र में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा पथराव किये जाने के बाद पैदा हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते करौली में आगजनी व हिंसा की घटनाएं हुई थीं। इस दौरान कई वाहनों और दुकानों को आग के हवाले कर दिया गया। घटना में 35 से ज्यादा लोग घायल हो गये थे।

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बीजेपी नेता ने सौंपी थी सीएम को पत्र

इस बीच करौली जिला कलेक्टर ने बीजेपी सांसद डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के इस दावे को तथ्यात्मक रूप से गलत बताया कि करौली शहर के मुस्लिम बहुल क्षेत्र ढोलीखर क्षेत्र से 195 हिंदुओं का पलायन हुआ था। शेखावत ने कहा “बीजेपी सांसद की ओर से 195 लोगों की सूची सौंपे जाने के बाद हमने तुरंत इसे एक समिति द्वारा भौतिक रूप से सत्यापन किया। यह पूरी तरह से गलत पाया गया क्योंकि अधिकांश लोग परिवार के बढ़ने के चलते शहर के अन्य हिस्सों में स्थानांतरित हुए हैं।” डॉ. मीणा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को एक पत्र सौंपा था जिसमें 195 लोगों की सूची साझा सलंग्न थी।

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23 लोगों को किया गया है गिरफ्तार

करौली जिला प्रशासन ने एक बयान में बताया कि अन्य इलाकों में स्थानांतरित हुए व्यक्तियों और उनके रिश्तेदारों से व्यक्तिगत रूप से संपर्क किया गया। वहां रहने वाले लोगों ने बताया कि वे लोग 1985 में हिंसा प्रभावित इलाके से नयी कॉलोनियों में शिफ्ट हुए थे। शुक्रवार तक इस मामले में 23 लोगों को गिरफ्तार किया गया और 44 अन्य लोगों की पहचान की गई। मामलें में कुल 10 प्राथमिकी दर्ज की गईं। जिसमें पुलिस की ओर दर्ज एक प्राथमिकी शामिल है।