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सीएम योगी ने सपा नेता और सदन में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा। सीएम ने कहा कि एक उपमुख्यमंत्री के प्रति उनकी इस तरह की टिप्पणी सही नहीं है।

 

उत्तर प्रदेश के लखनऊ में यूपी विधानसभा (Uttar Pradesh Assembly) में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने सपा नेता अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पर जमकर निशाना साधा। सीएम ने कहा एक घंटे से अधिक पूरा सदन नेता प्रतिपक्ष (अखिलेश यादव) को शांति से सुनता रहा। अब इस सदन में सरकार के उप मुख्त्र बात रख रहे हैं तो ये रनिंग कमेंट्री का क्या मतलब? एक सम्मानित नेता के प्रति इस तरह की टिप्पणी सही नहीं है। सीएम ने कहा, सरकार विकास कार्य करवाती है तो उस उपलब्धि को कहने में कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए।

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असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं हो-सीएम

सीएम योगी ने कहा, उप मुख्यमंत्री के प्रति इस तरह की भाषा सदन की गरिमा के अनुसार नहीं है. इस तरह से आचरण करेंगे तो इसका जवाब मिलना तय है। सहमति, असहमति हो सकती है लेकिन असभ्य भाषा का प्रयोग नहीं करना चाहिए। कोई सदस्य बोल रहा है खासकर उपमुख्यमंत्री बोल रहा है तो बीच में रनिंग कमेंट्री करना उचित नहीं है। सहमति असहमति लोकतंत्र की ताकत है। आपके (अखिलेश यादव) पूरे भाषण को हमने सुना लेकिन सरकार के वरिष्ठतम नेता के लिए शालीनता का आचरण होना चाहिए।

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सदन की गरिमा बरकरार रखा जाए-सीएम

सीएम योगी ने कहा, नेता प्रतिपक्ष पर भी हम बहुत सी आपत्ति कर सकते हैं लेकिन हमने इस सदन की गरिमा को बरकरार रखा। यह आचरण सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं हो सकता। सरकार विकास का काम कराती है तो अपनी उपलब्धि कहने का भी उसको अधिकार है। लोकतंत्र में हर सदस्य को सदन में अपनी बात रखने का अधिकार है। 1 घंटे से अधिक पूरे सदन ने आपकी बात को सुना। असभ्य भाषा का प्रयोग न हो।

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धमकी देना उचित नहीं है-सीएम

सीएम ने ऐसे शब्दों को हटाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष से निवेदन किया। उन्होंने कहा जब उप मुख्यमंत्री बोल रहे थे तो बीच में कमेंट्री करना और धमकी देना उचित नहीं है। हमें शालीनता से सुनना चाहिए। बीच में ऐसी उत्तेजना ठीक नहीं। इससे गलत मैसेज जाता और सदन की गरिमा तार तार होती है। एक घंटे से अधिक पूरा सदन नेता प्रतिपक्ष को पूरी शांति से सुनता रहा। इस सदन में सरकार के उपमुख्यमंत्री बात रख रहे हैं तो ये रनिंग कमेंट्री का क्या मतलब।