मुख्यमंत्री योगी के शुक्रवार को दूसरी बार यूपी की बागडोर संभालेंगे। शपथ ग्रहण समारोह में विपक्षी नेताओं को भी न्योता दिया गया है। गुरुवार की रात अखिलेश यादव को भी योगी ने खुद फोन कर न्योता दिया।
रालोद अध्यक्ष जयंत चौधरी ने कहा कि मुझे निमंत्रण नहीं मिला और यदि मिलता भी तो नहीं जाता। जयंत ने आरोप लगाया कि चुनाव प्रचार में जिस तरह से अखिलेश और मुझ पर व्यक्तिगत हमले किए गए, हमें आतंकवादी तक बताया गया, उससे एक लक्ष्मण रेखा खिंच गई है।
जयंत के अनुसार ऐसी स्थिति में उनके साथ मंच साझा करने का कोई औचित्य नहीं है। खिर्वा रोड स्थित शगुन फॉर्म हाउस में मेरठ-गाजियाबाद सीट पर गठबंधन से एमएलसी प्रत्याशी सुनील रोहटा के समर्थन में पहुंचे रालोद के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने प्रेस कांफ्रेंस में यह बातें कही।
हम हारकर भी जीते हैं
जयंत ने कहा कि गठबंधन को हर गांव, हर बूथ और हर वर्ग का वोट मिला है। वोट बैंक बढ़ा है। जितनी वोट इस बार गठबंधन को मिली हैं उतने पर बीते वर्षों में सरकार बनी हैं। लेकिन हार तो हार है। बावजूद इसके गठबंधन हारकर भी जीता है। हमारे आठ विधायक 80 के बराबर हैं।
हम गरीब, मजदूर, किसानों की आवाज उठाते रहेंगे। रालोद-सपा का गठबंधन प्रदेश एवं राष्ट्र के उत्थान के लिए है। यह गठबंधन चलता रहेगा। जयंत चौधरी ने कार्यकर्ताओं से चुनाव में जुटने की अपील की। उन्होंने कहा कि तीन सदस्यीय कमेटी चारों जिलों में एमएलसी चुनाव पर निगरानी करेगी।
80 बनाम से 20 से हारे, ध्रुवीकरण किया गया
जयंत चौधरी ने कहा कि भाजपा ने ध्रुवीकरण किया। वे 80 बनाम 20 का प्रचार करते रहे। वे लोगों को बताते रहे कि गठबंधन की सरकार आ जाएगी तो ना जाने क्या होगा। जयंत ने कहा कि किसान आंदोलन के प्रभाव वाली सीटों पर रालोद जीता है। ऐसे में यह नहीं कह सकते कि किसान आंदोलन बेअसर रहा।
भाजपा ने गुगली फेंकी पर मैं आउट नहीं हुआ
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह द्वारा जयंत चौधरी को भाजपा में न्योता देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चुनाव में भाजपा ने मुझे बोल्ड करने के लिए गुगली फेंकी थी, लेकिन मैं आउट नहीं हुआ।
धमकी देकर पर्चे वापस कर रही सरकार
एमएलसी चुनाव में गठबंधन प्रत्याशियों के पर्चे वापस लेने के सवाल पर जयंत चौधरी ने कहा कि सरकार धनबल और सत्ताबल के दम पर डरा-धमका रही है। प्रत्याशियों के घर नोटिस भेजे जा रहे हैं। उन्हें धमकी दी जा रही हैं।
जयंत ने कहा कि सत्ता का दुरुपयोग किया जा रहा है। जयंत के मुताबिक यदि ऐसे ही चुनाव जीतना है तो सीधे सर्टिफिकेट बांट दें। फिर चुनाव की क्या जरूरत है। चंद्रशेखर से मुलाकात के सवाल पर जयंत ने कहा कि सब एकसाथ हैं। उनके लिए दरवाजे खुले हैं। बाकी फैसला उनको करना है।