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शिवसेना किसकी है? उद्धव ठाकरे की या एकनाथ शिंदे की? इस मुद्दे पर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। शिवसेना के दो गुटों द्वारा इस मामले में दायर मामलों के संबंध में आज सुनवाई हो सकती है।

 

मंगलवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश यूयू ललित और न्यायमूर्ति एस रवींद्र भट की एक एससी पीठ ने कहा कि वह बुधवार को सुनवाई के लिए मामलों को सूचीबद्ध कर सकती है। बता दें कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे समूह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने इस मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की थी। आपको बता दें कि दोनों ही गुट असली शिवसेना होने का दावा कर रहे हैं और शिवसेना का नाम और चुनाव-चिन्ह इस्तेमाल करने की अनुमति मांग रहे हैं। ये मामला चुनाव आयोग में भी पहुंच चुका है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई होने पर आयोग पर इस मामले में फैसला देने से रोक लगा रखी है।

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शिंदे गुट की दलील

शिंदे गुट की ओर से वकील नीरज किशन कौल ने मामले की तत्काल सुनवाई का अनुरोध करते हुए कहा कि इस मुद्दे को तत्काल सुलझाने की जरूरत है क्योंकि महाराष्ट्र में जल्द ही स्थानीय निकाय चुनाव होने वाले हैं। इससे पहले अगस्त में, शीर्ष अदालत की तीन-न्यायाधीशों की पीठ ने महाराष्ट्र राजनीतिक संकट से जुड़े मुद्दों को पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ के पास भेजा था। SC ने कहा था कि मामले की सुनवाई 25 अगस्त को संविधान पीठ करेगी, लेकिन मामला अभी तक सुनवाई के लिए नहीं आया है।

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सुप्रीम कोर्ट ने भारत के चुनाव आयोग को एकनाथ शिंदे खेमे द्वारा ‘असली’ शिवसेना पार्टी के रूप में मान्यता और उसे धनुष और तीर के प्रतीक के आवंटन के लिए दायर आवेदन पर 25 अगस्त तक फैसला नहीं करने का आदेश दिया था। वहीं उद्धव ठाकरे खेमे की ओर से पेश अधिवक्ता कपिल सिब्बल के अनुरोध पर चुनाव चिन्ह मुद्दे पर अंतरिम राहत के लिए 25 अगस्त को मामला संविधान पीठ के समक्ष रखा था।

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