सभी राज्य पुलिस बलों और अर्धसैनिक संगठनों के प्रमुखों का तीन दिवसीय सम्मेलन राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार से शुरू हो गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 21-22 जनवरी को नई दिल्ली में पुलिस महानिदेशकों व महानिरीक्षकों के अखिल भारतीय सम्मेलन में भाग लेंगे।
सरकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। 20 जनवरी से शुरू हुआ यह सम्मेलन 22 जनवरी तक चलेगा। इसमें देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भावी रणनीति तैयार की जाएगी। इसमें पुलिस महानिदेशक और महानिरीक्षक स्तर के देश के करीब 350 शीर्ष पुलिस अधिकारी भाग ले रहे हैं।
भारत अब ऐसा देश नहीं है जिसे नजरअंदाज किया जा सके: गृह मंत्री
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को राष्ट्रीय कृषि विज्ञान परिसर, पूसा कैंपस में तीन दिवसीय डीजीपी-आईजीपी सम्मेलन को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब ऐसा देश नहीं है जिसे नजरअंदाज किया जा सके या पीछे किया जा सके। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत अब निश्चित रूप से सुरक्षित, मजबूत और अच्छी स्थिति में है। अंत में उन्होंने मेधावी सेवा के लिए पुलिस पदक और देश के शीर्ष तीन पुलिस स्टेशनों के लिए ट्राफियां भी वितरित कीं।
इन मुद्दों पर हुईं चर्चा
सम्मेलन के पहले दिन नेपाल और म्यांमार के साथ भूमि सीमाओं पर सुरक्षा चुनौतियों, भारत में विदेशियों की पहचान करने की रणनीति और माओवादी गढ़ों को लक्षित करने जैसे विषयों पर विचार-विमर्श किया गया।
अब तक कहां-कहां हुआ आयोजन
2013 तक, वार्षिक बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई थी। अगले साल जब नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आई, तो राष्ट्रीय राजधानी के बाहर गृह मंत्रालय और खुफिया ब्यूरो द्वारा आयोजित कार्यक्रम आयोजित करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद यह 2014 में गुवाहाटी में, 2015 में कच्छ के रण में, 2016 में हैदराबाद में राष्ट्रीय पुलिस अकादमी, 2017 में टेकनपुर में बीएसएफ अकादमी, 2019 में पुणे में और 2020 में कोविड महामारी के दौरान इसे वर्चुअली आयोजित किया गया था। 2021 में लखनऊ में इसे हाइब्रिड मोड में आयोजित किया गया था। इस बार सम्मेलन पिछले स्थल विज्ञान भवन के विपरीत दिल्ली के पूसा में भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान में आयोजित किया जा रहा है।
केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर केंद्रित नहीं
2014 से पहले विचार-विमर्श काफी हद तक केवल राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों पर केंद्रित था। अधिकारी ने कहा कि 2014 से इन सम्मेलनों में राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ अपराध की रोकथाम और पहचान, सामुदायिक पुलिसिंग, कानून और व्यवस्था, पुलिस की छवि में सुधार आदि मुख्य पुलिसिंग मुद्दों पर दोहरा ध्यान केंद्रित किया गया है।