उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को जोशीमठ (Joshimath) का दौरा किया। वह प्रभावित परिवारों से मिले और हर संभव मदद देने का आश्वाशन दिया। इसके साथ ही उन्होंने भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण भी किया। सीएम ने कहा कि सभी लोगों की जान बचाना सरकार का पहला लक्ष्य है।
जमीन खिसकने से जोशीमठ के करीब 600 घरों में दरार पड़ गई है। इन घरों में रहने वाले लोगों को कड़ाके की ठंड में बाहर रहना पड़ रहा है। सीएम धामी माउंट व्यू होटल पहुंचे। यहां पुलिस अधिकारियों और SDRF (State Disaster Response Force) की टीमों को तैनात किया गया था। जमीन धंसने के चलते माउंट व्यू और मल्लारी होटल आपस में टकरा गए हैं। इन होटलों के पीछे के इलाके में कई घर पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए हैं।
मकसद सभी को बचाना है मुख्य मकसद
भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने और पीड़ित परिवारों से मिलने के बाद सीएम धामी ने ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस) के अधिकारियों के साथ बैठक की। सीएम ने जोशीमठ का हवाई सर्वेक्षण भी किया। उन्होंने कहा कि जोशीमठ महत्वपूर्ण सांस्कृतिक स्थान है। हमारा मुख्य मकसद सभी को बचाना है। विशेषज्ञ भूस्खलन के कारणों को जानने की कोशिश कर रहे हैं। हम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं।
आदि गुरु शंकराचार्य ने जोशीमठ में की थी तपस्या
राज्य सरकार ने शुक्रवार को उन 600 घरों में रहने वाले लोगों को तत्काल घर खाली करने का आदेश दिया था जहां दरारें आ गई हैं। बता दें कि जोशीमठ के डूबने का खतरा मंडरा रहा है। विशेषज्ञों की एक टीम ने हाल ही में एक सर्वेक्षण किया था और खुलासा किया था कि शहर में बड़े स्तर पर भूस्खलन हो सकता है। जोशीमठ बद्रीनाथ, हेमकुंड साहिब जैसे प्रसिद्ध तीर्थ स्थलों का प्रवेश द्वार है। इसे उस स्थान के रूप में जाना जाता है जहां सदियों पहले आदि गुरु शंकराचार्य ने तपस्या की थी।