हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पुरानी पेंशन योजना बहुत बड़ा मुद्दा था। इस मुद्दे को लेकर कहा जा रहा था कि इसी से पूरा परिणाम तय होगा। इस मुद्दे को कांग्रेस ने समझा और वक्त रहते हुए इस नब्ज को पकड़ लिया।
कांग्रेस पार्टी ने मतदाताओं से वादा किया था कि उसकी सरकार बनने के बाद प्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू कर दी जाएगी।
चुनावों में कांग्रेस को भारी बहुमत मिला और यह बात की जाने लगी कि अब कब पुरानी पेंशन योजना लागू होगी? कांग्रेस आल्कमन ने सुखविंदर सिंह सुक्खू को राज्य का सीएम बनाया है और उन्हें शपथ लिए भी लगभग 1 महीना हो गया है। अब पुरानी पेंशन योजना को लागू करने को लेकर खुद सुक्खू का बयान आया है। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा है कि कुछ दिनों में प्रदेश सरकार की कैबिनेट का विस्तार प्रस्तावित है। इसे लेकर आलाकमान को 10 लोगों के नाम भी भेजे गए हैं। कैबिनेट के विस्तार के बाद पहली बैठक में पुरानी पेंशन योजना लागू करने का फैसला हो जाएगा।
Cabinet expansion will be done soon. A list of 10 people has been submitted to the party's high command. We will implement the Old Pension Scheme in the state soon after the first cabinet meeting: Himachal Pradesh CM Sukhvinder Singh Sukhu pic.twitter.com/gKhHSSPYvn
— ANI (@ANI) January 7, 2023
विधानसभा चुनाव में ओपीएस था बड़ा मुद्दा
इस बार हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में पुरानी पेंशन योजना (OPS) एक बड़ा मुद्दा थी। कांग्रेस ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान जनता से कहा था कि वह सरकार बनते ही ओपीएस को लागू कर देंगे। बता दें कि ओपीएस लागू करने में हो रही देरी को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस को घेरा था और कहा था कि कांग्रेस अपने वादों को पूरा करने में देरी कर रही है। वह तो भारत जोड़ो यात्रा में व्यस्त है।
ओल्ड पेंशन स्कीम यानी ओपीएस क्या है?
कर्मचारी जब रिटायर होता था तो सरकार उसे हर महीने पेंशन देती थी। इसे ही ओल्ड पेंशन स्कीम कहा जाता है। इसके तहत रिटायरमेंट के बाद कर्मचारियों को उनके वेतन की आधी राशि पेंशन के रूप में दी जाती थी। अगर कर्मचारी की मौत हो जाती थी, तो उसके परिजनों को ये पेंशन मिलती थी।