English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-07-18 171821

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि कोविड-19 के पीड़ितोंं के परिवारवालों को समय बर्बाद किए बिना मुआवजा दिया जाए।

 

जस्टिस एम आर शाह और बीवी नागरत्न ने कहा कि यदि कोई ऐसा दावेदार हो जिसे मुआवजा न मिला या फिर उसके अनुरोध को खारिज किया गया हो तो वह मामले से जुड़ी शिकायत निवारण समिति (grievance redressal committee) के पास अपनी शिकायत कर सकता है।

कोर्ट ने समिति को भी सख्त लहजे में आदेश दिया कि शिकायत पर चार सप्ताह के भीतर सुनवाई हो जानी चाहिए। कोर्ट में एक याचिका पर सुनवाई हो रही थी जिसमें आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा राज्य आपदा प्रबंधन बल से फंड का ट्रांसफर अपने व्यक्तिगत खाते में किया गया था। बेंच ने आदेश दिया कि दो दिनों के भीतर फंड वापस SDRF के खाते में जमा करा दिया जाए। इसके बाद बेंच ने कहा कि हम सभी राज्यों को निर्देश दे रहे हैं कि पूर्व आदेश के तहत योग्य लोगों को बिना एक मिनट देरी किए मुआवजे का भुगतान सुनिश्चित करें।

Also read:  देश में बढ़ रही कोरोना की रफ्तार, पिछले 24 घंटे में 2451 नए केस मिले, 54 लोगों ने तोड़ा दम

याचिकाकर्ता पल्ला श्रीनिवास राव के लिए नियुक्त एडवोकेट गौरव बंसल ने सबमिट किया था कि आंध्र प्रदेश सरकार ने SDRF से फंड लेकर अपने व्यक्तिगत खाते में ट्रांसफर कर लिया जो आपदा प्रबंधन अधिनियम के खिलाफ है। एडवोकेट बंसल ने आरोप लगाया था कि राज्य सरकार अवैध तरीके से SDRF के फंड का इस्तेमाल कर रही थी।

Also read:  हरियाणा: जींद ज़िले में महापंचायत के दौरान स्टेज टूटा, राकेश टिकैत समेत कई नेता मंच से गिरे

मार्च के अंत में सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि कोरोना संक्रमण से मौत के मामले में मुआवजा दावे के लिए 60 दिन की अवधि होगी। साथ ही मार्च तक हुए मौत के मामले में मुआवजे के लिए परिजनों को 60 दिन का वक्त दिया गया जिस दौरान वह मुआवजे के लिए अपना दावा कर सकते थे। साथ ही मार्च के बाद कोरोना से होने वाली मौत के मामले में मुआवजा दायर करने करने के लिए 90 दिनों की अवधि तय की गई।

Also read:  अरुणाचल प्रदेश : भाजपा ने दिया नीतीश को बड़ा झटका, जदयू के छह विधायकों को तोड़ा