पूर्व राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को सरकारी बंगला खाली करने का निर्देश।दिल्ली हाई कोर्ट ने स्वामी की याचिका पर सुनवाई करते हुए उन्हें सरकारी बंगला खाली करन को कहा है। स्वामी ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए मांग की थी कि वह बंगला उन्हें फिर आवंटित किया जाए जहां वह पांच साल से रह रहे हैं।
भाजपा नेता और पूर्व राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को सरकारी बंगला खाली करना होगा। दिल्ली हाई कोर्ट ने बुधवार को स्वामी को सरकारी आवास खाली करने का आदेश दिया। कोर्ट ने स्वामी को छह सप्ताह के भीतर दिल्ली में स्थित सरकारी बंगले को खाली करने का निर्देश दिया है।
जस्टिस यशवंत वर्मा की एक जज की बेंच ने स्वामी की याचिका का निपटारा करते हुए कहा कि उन्हें सरकारी बंगला पांच साल के लिए आवंटित किया गया था और वह अवधि अब खत्म हो गई है।
स्वामी ने सरकारी बंगला फिर आवंटित करने की रखी थी मांग
स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका दायर कर उस बंगले को फिर से आवंटित करने की मांग की थी, जहां वह जनवरी 2016 से रह रहे थे। उन्होंने सुरक्षा संबंधी खतरे की बात रखते हुए ये मांग की थी।
कोर्ट ने अपने आदेश में कहा, ‘आवंटन पांच साल के लिए किया गया था और वह अवधि समाप्त हो गई है। अदालत के सामने ऐसा कुछ नहीं रखा गया जो जेड श्रेणी की सुरक्षा रखने वाले व्यक्ति को सरकारी आवास के आवंटन के लिए भी अनिवार्य बनाता हो।’
स्वामी को जनवरी 2016 में 5 साल के लिए केंद्र द्वारा दिल्ली में एक बंगला आवंटित किया गया था। वह अपने पूरे राज्यसभा कार्यकाल के दौरान वहीं रहे, जो अप्रैल 2022 में समाप्त हो गया था। इसके बाद नियम के अनुसार उन्हें बंगला खाली करना था। हालांकि, स्वामी ने दिल्ली हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
स्वामी ने दिल्ली उच्च न्यायालय से उन्हें लगातार सुरक्षा संबंधी खतरे को देखते हुए बंगले को पुन: आवंटन कराने मांग की थी। स्वामी को अब भी जेड कैटेगरी की सुरक्षा केंद्र की ओर से दी गई है।
हालांकि, केंद्र ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि भले ही स्वामी की सुरक्षा को कम नहीं किया गया है, लेकिन सरकार पर उन्हें सुरक्षा कवर के साथ-साथ आवास प्रदान करने का कोई दायित्व नहीं है।
कोर्ट में किसने क्या कहा? स्वामी के वकील ने रखा ये तर्क
केंद्र की ओर से मामले में बात रखते हुए एडिशनल सॉलिसिटर जनरल (एसजी) संजय जैन ने कहा कि सरकार वरिष्ठ नेता को समय-समय पर समीक्षा के आधार पर सुरक्षा मुहैया कराती रहेगी, लेकिन बंगले को फिर से आवंटित करना संभव नहीं होगा। जैन ने अदालत से कहा कि स्वामी का दिल्ली में एक घर है जहां वह शिफ्ट हो सकते हैं और सुरक्षा एजेंसियां वहां उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगी।
वहीं, स्वामी के लिए पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता जयंत मेहता ने तर्क दिया कि उनके लिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पूर्व सांसद के साथ हर समय सुरक्षाकर्मियों को भी रखने के लिए घर की आवश्यकता है।
Jain states that @Swamy39 has a nice house in Nizamuddin East and can shift there.
Mehta for @Swamy39 argues that my Security has not gone down. My Lord!
Only, if MHA ensures that they will do everything desired to help for shifting, safety & security, then i can shift.— LawBeat (@LawBeatInd) September 14, 2022
उन्होंने कहा, ‘आज तक गार्डों की संख्या कम नहीं हुई है, मुझे अपने निजी आवास में जाने में कोई परेशानी नहीं है लेकिन यह सुरक्षाकर्मियों के लिए अपर्याप्त है। एक सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति के रूप में, मुझे यह सुनिश्चित करना होगा कि वे (सुरक्षाकर्मी) भी आराम कर सकें और उनकी बुनियादी जरूरतें पूरी हों।’