तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन और राज्यपाल आरएन रवि के बीच विवाद चल रहा है। इस बीच डीएमके प्रवक्ता शिवाजी कृष्णमूर्ति ने विवाद खड़ा कर देने वाला बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि “हम एक आतंकवादी को तमिलनाडु के राज्यपाल को गोली मारने और हत्या के लिए भेजेंगे”।
उन्होंने यह बात एक बैठक के दौरान कही। राज्यपाल के खिलाफ टिप्पणी को लेकर बीजेपी नेता नारायणन थिरुपति ने कृष्णमूर्ति को गिरफ्तार करने की मांग उठाई है।
शिवाजी कृष्णमूर्ति ने कहा, ‘सीएम कह रहे हैं कि हम राज्यपाल को डांटें नहीं। अगर उन्होंने ठीक से भाषण पढ़ा होता तो मैं उनके चरणों में फूल रखकर हाथ जोड़कर उनका धन्यवाद करता, लेकिन अगर वह अंबेडकर का नाम लेने से इनकार करते हैं तो क्या मुझे उन्हें चप्पल से मारने का अधिकार नहीं है। यदि आप उनका नाम लेने से इनकार करते हैं, तो आप कश्मीर चले जाएं। हम आपको गोली मारने के लिए एक आतंकवादी भेजेंगे।’
बीजेपी नेता नारायणन थिरुपति ने कहा, ‘पुलिस को जांच करनी होगी कि डीएमके का आतंकवादी लिंक क्या है, क्योंकि उन्होंने अपने भाषण में कहा है कि हम राज्यपाल को कश्मीर भेजेंगे और आतंकवादी को कश्मीर भेजेंगे। हमारा मतलब कौन? न केवल शिवाजी कृष्णमूर्ति ने इतनी गंदी भाषा में बात की, मुझे लगता है कि ये चीजें सीएम एमके स्टालिन के आशीर्वाद से की जा रही हैं, डीएमके प्रमुख की शह पर वे बोल रहे हैं।’ उन्होंने डीएमके नेता शिवाजी कृष्णमूर्ति और आरएस भारती को गुंडा अधिनियम के तहत गिरफ्तार करने की मांग की है।
शिवाजी कृष्णमूर्ति और आरएस भारती को करना चाहिए गिरफ्तार- BJP
नारायणन थिरुपति ने कहा, ‘अगर तमिलनाडु पुलिस में दम है, तो शिवाजी कृष्णमूर्ति और आरएस भारती को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्हें गुंडा अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया जाना चाहिए और एक साल के लिए जेल में डाल देना चाहिए।’ 9 जनवरी को तमिलनाडु के राज्यपाल राज्य विधानसभा में सरकार द्वारा तैयार किए गए अपने संबोधन से इतर बात करने लग गए थे। राज्यपाल आरएन रवि ने अपने अभिभाषण में कुछ अंशों को छोड़ दिया और कुछ अन्य टिप्पणियां कीं। इस मामले को लेकर राज्यपाल के खिलाफ मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने एक प्रस्ताव पेश किया, हालांकि आरएन रवि सदन से चले गए। तमिलनाडु विधानसभा के विवाद ने राजनीतिक पारा चढ़ा दिया। ट्विटर पर “#GetOutRavi” ट्रेंड करने लगा, कई लोगों ने राज्यपाल आरएन रवि को पद से हटाने की मांग की।