नोबल शांति पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कर्नाटक हिजाब विवाद पर प्रतिक्रिया दी, उन्होंने कहा मुस्लिम लड़कियों को पढ़ाई व हिजाब के बीच किसी एक के चयन के लिए मजबूर किया जा रहा है।
मलाला ने ट्वीट किया-
कॉलेज में हमें पढ़ाई और हिजाब के बीच किसी एक का चयन करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। हिजाब में लड़कियों को स्कूल जाने से मना करना भयावह है। कम या ज्यादा पहनने के लिए महिलाओं के प्रति एक नजरिया बना रहा है। भारतीय नेताओं को चाहिए कि वे मुस्लिम महिलाओं को हाशिए पर जाने से रोकें।
राज्य में स्कूल-कॉलेज तीन दिन तक बंद
बढ़ रहा है विवाद
क्या है विवाद
कर्नाटक में हिजाब पर विवाद की शुरुआत जनवरी महीने में उडुपी शहर से हुई थी। शहर के प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में 6 छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कक्षा में प्रवेश नहीं दिया गया था। कॉलेज प्रशासन ने इसका कारण ड्रेस में समानता को रखना बताया है। इसके बाद यह विवाद राज्य के कई जिलों में बढ़ता ही चला गया। कई संस्थानों में छात्राओं ने हिजाब पहनकर आना शुरू किया तो इसके विरोध में छात्र भगवा गमछा पहनकर आने लगे।
जो संविधान कहेगा, हम वही करेंगे
मामले पर सुनवाई करते हुए जस्टिस कृष्णा दीक्षित ने कहा कि अदालत कारणों और कानून के हिसाब से कार्य करेगी न कि किसी जुनून या भावनाओं के हिसाब से। कोर्ट ने आगे कहा कि जो संविधान कहेगा हम वही करेंगे,संविधान ही हमाारे लिए भगवद्गीता है। कोर्ट ने कहा कि एक फैसला ही सभी याचिकाओं पर लागू होगा।