English മലയാളം

Blog

किसानों के समर्थन में कुंडली धरनास्थल पर गोली मारकर आत्महत्या करने वाले बाबा राम सिंह किसानों के लिए लगातार सहयोग कर रहे थे। बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों के ठंड में खुले आसमान के नीचे रहने से वह काफी आहत थे। वह किसानों के लिए धरनास्थल पर पांच दिन पहले ही पांच लाख रुपये का सहयोग देकर गए थे।

बाबा रामसिंह कुंडली बॉर्डर पर किसानों के धरनास्थल पर आकर लगातार अपनी सहानुभूति प्रकट कर रहे थे। उनके मन को किसानों की यहां पर स्थिति देखकर काफी ठेस पहुंची थी। बाबा पांच दिन पहले धरनास्थल पर पांच लाख रुपये का सहयोग देकर गए थे। सर्दी में बैठे किसानों के लिए उन्होंने कंबल भी बंटवाए थे। उसके बाद वह वापस चले गए थे। अब वह तीन दिन से लगातार धरनास्थल पर पहुंच रहे थे। बाबा राम सिंह कुंडली के साथ सिंघु बॉर्डर पर भी गए थे।

Also read:  HDFC Home Loan: एचडीएफसी ने ग्राहकों को दिया दिवाली का तोहफा, होम लोन पर दरों में की कटौती

बुधवार सुबह वह कुंडली पहुंचे थे और दिनभर धरनास्थल पर ही रहे थे। शाम को धरनास्थल पर ही दिल्ली-पानीपत लेन पर जाकर बैठ गए। उन्होंने अपने सेवादार को पानी लेने के लिए भेजा और अपनी पिस्तौल से कनपटी पर गोली मार ली। गोली चलने की आवाज सुनकर वहां मौजूद लोग दौड़कर उनके पास पहुंचे और आनन-फानन में एंबुलेंस में डालकर पानीपत ले जाया गया।

पानीपत के निजी अस्पताल के चिकित्सक का कहना है कि उन्हें जांच के बाद मृत घोषित कर दिया गया था। घटनास्थल के आसपास धरनारत किसानों की भीड़ रहती है। मौके पर ही कई एंबुलेंस तैनात की गई हैं। ऐसे में बाबा को ले जाने में देर नहीं हुई। वहां पर ज्यादातर लोगों को घटना की जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस को किसी ने सूचना नहीं दी। यहां तक की एंबुलेंस के स्टाफ ने भी पुलिस को नहीं बताया। ऐसे में पुलिस तक सूचना पहुंचने में काफी समय लग गया। तब तक पानीपत के अस्पताल में बाबा को मृत घोषित किया जा चुका था।

Also read:  रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेना प्रमुखों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को किया संबोधित, कहा-हम 'अग्निपथ' नामक एक परिवर्तनकारी योजना ला रहे, सशस्त्र बल में transformative changes लाकर fully modern और well equipped बनाएगी

बाबा के लाखों श्रद्धालुओं में दुख की लहर
बाबा राम सिंह के देश के साथ ही विदेशों में भी लाखों श्रद्धालु हैं। सोशल मीडिया पर उनकी आत्महत्या की खबर फैलते ही सभी में दुख की लहर दौड़ गई। सभी ने उनकी शहादत को नमन किया। उनका कहना था कि गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों ने भी दिसंबर में ही शहादत दी थी। अब किसानों के लिए बाबा राम सिंह भी शहीद हो गए हैं। बाबा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि वे पहले भी पत्र लिख चुके हैं। यह उनका दूसरा पत्र है।

Also read:  कृषि कानूनों के खिलाफ आज देशभर में किसानों का 'चक्का जाम',शॉर्ट नोटिस पर बंद हो सकते हैं ये 12 मेट्रो स्टेशन

भारतीय किसान मजदूर नौजवान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष किसान नेता राजेंद्र आर्य दादुपुर ने कहा कि बाबा राम सिंह ने किसानों के लिए शहादत दी है। उनकी शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। बाबा से किसानों का दुख देखा नहीं गया। वहीं भाकियू के अन्य नेताओं ने कहा कि इसका सभी पर प्रभाव पड़ेगा। किसान अपने आंदोलन को लगातार शांतिपूर्ण ही जारी रखेंगे। हम सभी इस देश के वासी हैं और अपना हक लेकर ही रहेंगे।