English മലയാളം

Blog

रांची: झारखंड हाईकोर्ट (Jharkhand High Court) ने राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) की जमानत याचिका खारिज कर दी है. 12 फरवरी को चारा घोटाले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की जमानत अर्जी पर सुनवाई टाल दी गई थी. अगली तारीख 19 फरवरी तय की गई. आज (शुक्रवार) इस मामले में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज कर दी. लालू यादव के वकीलों के मुताबिक, RJD प्रमुख की आधी सजा में दो महीने का वक्त बाकी है. इसी आधार पर फिलहाल लालू को राहत नहीं मिली है. यानी इसका मतलब है कि संभवतः दो महीने बाद उन्हें जमानत मिलने का रास्ता साफ हो जाएगा.

Also read:  उत्तर भारत में बढ़ी ठिठुरन, इन चार राज्यों में भारी बारिश के आसार, लेह में न्यूनतम -11 डिग्री तापमान

बताते चलें कि RJD प्रमुख लालू प्रसाद यादव दिसंबर, 2017 से जेल की सजा काट रहे हैं. 2018 में उन्हें IPC की धारा के तहत 7 वर्षों और भ्रष्टाचार-रोधी एक्ट के तहत 7 वर्षों की सजा सुनाई गई थी. सजा सुनाए जाने के कुछ समय बाद ही उनका स्वास्थ्य बिगड़ गया था. उन्हें रांची स्थित RIMS में भर्ती कराया गया था. हाल ही में उनकी तबियत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद उन्हें दिल्ली लाया गया. लालू यादव फिलहाल दिल्ली स्थित AIIMS में अपना इलाज करा रहे हैं.

Also read:   राजद विधायक सुधाकर सिंह के बयान को लेकर महागठबंधन में चल रही बयानबाजी के बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस मामले में गेंद तेजस्वी यादव के पाले में डाला, जाने क्या है मामला

लालू यादव को पिछले महीने निमोनिया होने की शिकायत के आधार पर RIMS से दिल्ली के AIIMS में शिफ्ट किया गया था. 5 फरवरी को झारखंड हाईकोर्ट ने लालू प्रसाद की मेडिकल रिपोर्ट पेश न किए जाने पर नाराजगी जाहिर की थी. अदालत ने RIMS के निदेशक को इस संबंध में कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए पूछा है कि आखिर किस आधार पर RJD प्रमुख को दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) स्थानांतरित किया गया.

Also read:  लालू प्रसाद यादव को एक और मामले में मिली ज़मानत, लेकिन अब भी रहना होगा जेल में

गौरतलब है कि लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) पिता को जेल से रिहा किए जाने को लेकर अभियान चला रहे हैं. विधायक तेज प्रताप ने इसी महीने 50,000 पोस्टकार्ड राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) को भेजे हैं. इसमें आग्रह किया गया है कि मानवीय संवेदनाओं के आधार पर लालू प्रसाद यादव को जेल से रिहा कर दिया जाए.