English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-02-15 193235

पश्चिम बंगालWest Bengal में फिर से माओवादी (Maoist) सक्रिय होने लगे हैं। मंगलवार को सिलदा (Silda Maoist Attack ) में माओवादी हमले की वार्षिकी पर फिर से माओवादियों ने पोस्टर चिपकाये और धमकी दी।

 

पोस्टर को लेकर स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल है. कई लोगों को सिलदा में माओवादी हमले की याद है। 15 फरवरी, 2010 में आज से बारह साल पहले सिलदा में माओवादी हमला हुआ था। माओवादियों ने ईएफआर कैंप पर हमला किया था। उस माओवादी हमले में 24 जवान शहीद हो गए थे। माओवादियों ने उनके सारे हथियार लूट लिए थे। उस हमले का खौफ आज भी कई लोगों के जेहन में है। वहीं, झाड़ग्राम पुलिस ने शानू नाइक और सिंटू पात्र को माओवादियों के नाम पर पैसे लेने के आरोप में गिरफ्तार किया है।

Also read:  Antilia Case में एक और बड़ा खुलासा, Sachin Vaze ने CCTV फुटेज किए थे जब्त

सूत्रों ने कहा कि हाल के दिनों में सीआरपीएफ, पुलिस और अन्य से मिली सभी खुफिया सूचनाओं से माओवादियों की सक्रियता या माओवादियों की मौजूदगी के संकेत मिले हैं। ऐसा पोस्टर नए सवाल खड़े कर रहा है। पोस्टर में कई चेतावनी वाले शब्दों का भी इस्तेमाल किया गया है। इस पोस्टर से फिर से पश्चिम मेदिनीपुर और बांकुड़ा सहित जंगलमहल के इलाकों में माओवादियों के सक्रिय होने की खबरें सामने आ रही हैं। इससे पुलिस और प्रशासन सतर्क हो गया है।

माओवादी पोस्टर में लगाया आदिवासियों पर अत्याचार का आरोप

पोस्टर में आदिवासी लोगों पर अत्याचार आरोप लगाए गए हैं। इसके अलावा और भी कई शर्तें लगाई गई हैं। यदि उन शर्तों को पूरा नहीं किया जाता है, तो एक नई चेतावनी जारी की गई है। वहीं, माओवादी धमकी वाला पोस्टर यह संदेश देता है कि आदिवासी समुदाय के लोगों को फिर से जोड़ा जा रहा है। जिस तरह से आदिवासी समुदाय के लोगों का बार-बार जिक्र किया गया है, उससे पता चलता है कि यह संकेत स्थानीय पुलिस प्रशासन को और सोचने पर मजबूर कर रहा है।

Also read:  Coronavirus India : पिछले 24 घंटे में 11,039 नए मामले आए सामने, 110 मरीजों की हुई मौत

सिलदा में पोस्टर मिलने से इलाके में दहशत

सिलदा शहीद दिवस के दिन माओवादियों द्वारा छपे पोस्टरों से इलाके में दहशत फैल गई है। साथ ही माओवादियों के नाम पर रंगदारी वसूलने के आरोप में शहर से दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है। नगर निगम चुनाव से पहले इस तरह के धमकी भरे पोस्टरों से शहरवासी काफी दहशत में हैं। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं – क्या माओवादी फिर से जंगलमहल में सक्रिय हैं? सिलदा कैंप में हमले की घटना वाले दिन माओवादियों ने पोस्टर को क्यों चिपकाया? एडीजी पश्चिम संजय सिंह ने कहा कि माओवादी सक्रियता के सवाल को नकारे बिना इस मुद्दे पर गौर किया जा रहा है।

Also read:  बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने कहा है कि वे आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनावों में न तो विपक्षी गठबंधन इंडिया और न ही सत्तारूढ़ गठबंधन एनडीए के साथ कोई चुनावी गठजोड़ करेंगी