English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-08-09 095030

यहां के खेड़ला चौक पर 31 जुलाई को धार्मिक यात्रा में शामिल हिंदू संगठनों के लोगों पर हुए हिंसक हमले में दो रोहिंग्या भी संलिप्त पाये गए।

पुलिस ने दो को गिरफ्तार किया है। अन्य भी शामिल हो सकते इसकी जांच के साथ करीब दो हजार रोहिंग्या के आधार कार्ड तथा अन्य दस्तावेज की जांच होगी।

आधार कार्ड तथा अन्य दस्तावेज बनवाए

खेड़ला चौक पर हुई हिंसा में पकड़े गया सैफुला और महबूब से पूछताछ की गई तो दोनों ने कबूला कि वह कई लोगों के साथ म्यांमार से असम आया और वहां का निवासी बनने के लिए आधार कार्ड तथा अन्य दस्तावेज बनवा लिए थे। असम से आकर दिल्ली रहे फिर वहां पर नूंह के एक मौलाना के संपर्क में आए जिसके बाद डेढ़ साल पहले नूंह आकर रहने लगे। सैफुला गांव नंगली तथा महबूब पुराना बस स्टैंड के पास रह रहा था। दोनों जगहों को रोहिंग्या कैंप के नाम से भी जाना जाता है।

Also read:  नेशनल डे सेलिब्रेशन कचरे को साफ करना शुरू हो जाता है

नूंह हिंसा का रोहिंग्या कनेक्शन

हिंसा में रोहिंग्या कनेक्शन आने के बाद जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच में सामने आया कि जिला में करीब 2000 रोहिंग्या परिवार रह रहे हैं। जिनके पहचान पत्र की जांच की जाएगी। सभी कैसे अपने आधार कार्ड बनवा लिए। बता दें कि हिंसा के अगले दिन ही तावडू में 200 झुग्गी पर प्रशासन का बुलडोजर चला था। यहां रोहिंग्या परिवार के साथ रह रहे थे।

Also read:  नक्सल प्रभावित इलाकों के 400 आदिवासी युवा CRPF में होंगे भर्ती

सैफुला और महबूब की गिरफ्तारी

हालांकि यहां रहने वालों की भूमिका हिंसा में नहीं सामने आई पर नूंह तथा आसपास के गांव में रह रहे रोहिंग्या परिवारों में से कई की संलिप्तता हिंसा में पाई गई है। सैफुला और महबूब की गिरफ्तारी ने अब तक सोये रहने वाले प्रशासन की नींद खोल दी है। तावडू में 200 झुग्गी हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण की जमीन पर बनाई गई थी। दैनिक जागरण ने एक जून में खबर भी प्रकाशित की उसके बाद प्रशासन ने हिंसा होने के बाद झुग्गी तोड़ी थी।