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उत्तर प्रदेश में इस बार मुकाबला कई मायने में दिलचस्प होने जा रहा है। जहां बागी हुए स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी छोड़ समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं, लेकिन उनकी बेटी संघम़ित्रा मौर्य बीजेपी में है और बदायूं से सांसद हैं।

ऐसे में उन्होंने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य को लेकर बड़ा बयान दिया है।

उन्होंने कहा कि वह वहां पर प्रचार करने नहीं जाएंगीं जहां पर उनके पिता चुनाव लड़ रहे हैं। हमें पार्टी भेजेगी तो मैं शीर्ष नेतृत्व को स्पष्ट तौर पर बताऊंगी कि मैं वहां जाने में असमर्थ हूं। आप मुझे कहीं और भेज दें। वह पिछड़ों की बात पर अपने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य का समर्थन करती दिखीं। साथ ही कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में उनके पिता ने सपा का किला ढहा दिया था। बदायूं में अब लगातार दिख भी रहा है कि उसकी एक एक ईंट ध्वस्त हो चुकी है और आने वाले समय में पता भी नहीं चलेगा कि किला बना कहां का था।

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बीजेपी सांसद संघम़ित्रा मौर्य ने पिता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्रचार करने के सवाल पर कहा कि मैं राजनीति में होते हुए भी बहुत हद तक स्पष्टवादी टाइप की हूं और मैं वहां पिताजी के खिलाफ चुनाव प्रचार करने नहीं जाउंगी। मैं वह काम नहीं कर सकती, जो कई बार लोग करते हैं। लोग साथ में किसी के घूमते हैं और पीछे किसी और की बात करते हैं। संघम़ित्रा ने कहा मेरा दो रवैया नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यदि पिताजी जहां से चुनाव लड़ेंगे और हमें पार्टी भेजेगी तो मैं शीर्ष नेतृत्व को स्पष्ट तौर पर बताऊंगी कि मैं वहां जाने में असमर्थ हूं। आप मुझे कहीं और भेज दें। मैं वहां जाकर पार्टी का प्रचार करने को मना करूंगी, लेकिन पिताजी के खिलाफ प्रचार नहीं कर पाऊंगी।

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इतना ही नहीं संघमित्रा मौर्य ने कहा कि पिताजी ने पिछड़ों को लेकर जो बात रखी है, मैं पूरी तरीके से खारिज भी नहीं कर सकती हूं। उसमें सच्चाई है। डॉक्यूमेंटरी प्रूफ ही। आरक्षण को नजरअंदाज किया गया है। अपनी ही सरकार पर टिप्पणी करते हुए संघमित्रा मौर्य ने कहा कि पिछड़ों को लेकर उनके आरोप सही थे। प्रधानमंत्री इस मामले में जरूर कुछ ना कुछ निर्णय लेंगे, क्योंकि यह बात उनके कानों तक पहुंच चुकी है।

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