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देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन में शिरकत करने आए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि इंदौर एक दौर है, जो समय से आगे चलता है। प्रवासी भारतीय सम्मेलन के दौरान 24 मिनटों तक चले अपने संबोधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम की भावनाओं को साकार करने में जुटा है भारत।

उन्होंने सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए कहा कि चार साल के बाद पूरी भव्यता के साथ प्रवासी भारतीय सम्मेलन हो रहा है। आमने-सामने मिलने का अपना ही मजा है। 130 करोड़ भारतवासियों की तरफ से आप सभी का स्वागत है। यहां लोग अपने-अपने क्षेत्र में उपलब्धियों के साथ अपनी माटी को नमन करने आए हैं।

यह सम्‍मेलन मध्य प्रदेश के हृदयस्थल में हो रहा है। मध्यप्रदेश में मां नर्मदा का जल, यहां की परंपरा, यहां का आध्यात्म ऐसा कितना कुछ है, जो आपकी यात्रा को अविस्मरणीय बनाएगा। हाल ही में भगवान महाकाल के महालोक का विस्तार हुआ है। मैं आशा करता हूं कि आप सभी वहां जाकर भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेंगे।

हम सभी जिस शहर में हैं वह भी अपने आप में अद्भुत है। लोग कहते हैं कि इंदौर एक शहर है, लेकिन मैं कहता हूं इंदौर एक दौर है। ये वो दौर है, जो समय से आगे चलता है फिर भी विरासत को समेटे रहता है। इंदौर ने स्वच्छता के क्षेत्र में देश में अलग पहचान स्थापित की है। खाने-पीने के लिए अपन का इंदौर, मन का इंदौर देश ही नहीं पूरी दुनिया में लाजवाब है। इंदौरी नमकीन का स्वाद और यहां पोहे का पैशन है। साबूदाने की खिचड़ी, कचौड़ी, समोसा, शिकंजी, जिसने भी इसे देखा उसके मुंह का पानी नहीं रुका और जिसने इसे चखा उसने कहीं और मुड़कर नहीं देखा। 56 दुकान तो प्रसिद्ध है ही, सराफा भी महत्वपूर्ण है। यही वजह है कि कुछ लोग इंदौर को स्वच्छता के साथ-साथ स्वाद की राजधानी भी कहते हैं। मुझे विश्वास है कि यहां के अनुभव आप खुद भी नहीं भूलेंगे और वापस जाकर दूसरों को यहां के बारे में बताना नहीं भूलेंगे।

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वसुधैव कुटुंबकम की भावनाओं को साकार करने में जुटा है भारत

उन्होंने कहा कि हम देश के अमृतकाल में प्रवेश कर रहे हैं। यूनिक ग्लोबल विजन के साथ आगे बढ़ रहे हैं। हमारे यहां कहा जाता है कि हमारे लिए हमारा पूरा संसार ही पूरा स्वदेश है। इसी वैचारिक बुनियाद पर हमारे पूर्वजों ने भारत के संस्कृतिक विस्तार को आकार दिया था।

हम अलग-अलग देशों और अलग-अलग सभ्यताओं के बीच गए और व्यासायिक संबंधों की नई राह खोलकर भारतीयों ने लक्ष्य प्राप्त करके दिखाया। हम करोड़ों प्रवासी भारतीयों को ग्लोबल मैप पर देखते हैं तो कई तस्वीरें एक साथ उभरती है। वसुधैव कुटुंबकम की भावना साकार होती है। जब किसी देश में भारत के अलग-अलग क्षेत्रों, प्रांतो के लोग मिलते हैं तो हमें भारत की सभ्यता और संस्कृति की बात होती है। मदर आफ डेमोक्रेसी होने का भारतीय गौरव बढ़ जाता है।

हमारे इन प्रवासी भारतीयों के योगदान का विश्व आकलन करता है तो हमें सशक्त और समर्थ भारत की आवाज सुनाई देती है। इसलिए मैं सभी प्रवासी भारतीयों को विदेशी धरती पर भारत का राष्ट्रदूत कहता हूं। सरकारी व्यवस्था में राजदूत होते हैं, लेकिन आप राष्ट्रदूत हैं। आप काटन इंडस्ट्री, मिलेट्स, हेंडीक्राफ्ट्स सहित अन्य क्षेत्रों के ब्रांड एंबेसेडर हैं।

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पिछले कुछ वर्षों से भारत ने विकास की जो गति प्राप्त की है। जो उपलब्धियां हासिल की है वह असाधारण है, अभूतपूर्व हैं। जब भारत कोविड महामारी के बीच कुछ महीनों में ही स्वदेशी वैक्सीन बना लेता है तो भारत अपने नागरिकों को 220 करोड़ से ज्यादा वैक्सीन मुफ्त लगाने का रिकार्ड बनाता है। जब भारत विश्व की उभरती अर्थव्यवस्था बनता है। जब भारत दुनिया का सबसे बड़ा तीसरा स्टार्टअप नेशन बनता है। खिलौना इंडस्ट्री,तेजस हेलिकाप्टर, आइएनएस विक्रांत, अरिहंत जैसी सबमरीन बनाता है तो दुनिया के लोगों में उत्सुकता होती है कि भारत विकास कर रहा है, कैसे कर रहा है।

विश्व का 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में

प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी ने कहा कि जब कैशलेस इकोनामी की बात होती है तो दुनिया यह देखकर हैरान है कि भारत में दुनिया के 40 प्रतिशत डिजिटल ट्रांजेक्शन भारत में होते हैं। भारत एक बार में सौ-सौ सैटेलाइट लांच करने का रिकार्ड बना रहा है। साफ्टवेयर के क्षेत्र में हमारी ताकत दुनिया देख रही है। आपमें से बहुत से लोग इसका बहुत बड़ा जरिया है। भारत का यह बढ़ता हुआ सामर्थ्य और दमखम भारत से जुड़े लोगों का सीना चौड़ा कर देता है। वैश्विक मंच पर आज भारत की आवाज, भारत का संदेश और भारत की कही बात अलग ही मायने रखती है। भारत की यह बढ़ती ताकत आने वाले दिनों में और ज्यादा बढ़ने वाली है। इसलिए भारत के प्रति जिज्ञासा और बढ़ेगी, इसलिए विदेश में रहने वाले भारतीय मूल के लोगों की जिम्मेदारी भी बहुत बढ़ जाती है। आपके पास आज भारत के बारे में जितनी ज्यादा जानकारी होगी उतन ही आप भारत के बढ़ते सामर्थ्य के बारे में तथ्यों के साथ दूसरों को बता पाएंगे। आपके पास सांस्कृतिक जानकारी के साथ भारत की प्रगति की नई जानकारी होना चाहिए।

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भारत जी-20 की अध्यक्षता करेगा

भारत इस वर्ष दुनिया के जी-20 देशों के समूहों की अध्यक्षता भी कर रहा है। भारत इस जिम्मेदारी को अवसर के रुप में देख रहा है। हमारे लिए दुनिया को भारत के बारे में बताने का अवसर है।

आज भारत के पास न केवल दुनिया के नालेज कैपिटल बनने का, बल्कि स्किल कैपिटल बनने का भी सामर्थ्य है। हमारे युवाओं केपास स्किल्स, वैल्यू और काम करने का जज्बा भी है। भारत की प्राथमिकता वे प्रवासी युवा भी है जो भारत में जुड़े हैं। भले ही विदेश में जन्मे हैं, वहीं पले-बढ़े हैं। हम उन्हें भी भारत को जानने-समझने के कई अवसर दे रहे हैं। जितनी युवाओं में जिज्ञासा बढ़ेगी उतना ही भारत से जुड़ा पर्यटन बढ़ेगा।

भारत से प्रवासी कई सदियों से कई देशों में जाकर बसे हैं। भारतीय प्रवासियों ने वहां के राष्ट्र के निर्माण में असाधारण योगदान दिया है। हमें उनके योगदान को लिपिबद्ध करना चाहिए। यूनिवर्सिटी के माध्यम से यह कार्य करना चाहिए। जब भारत से कोई व्यक्ति विदेश जाता है और उसे वहां एक भी भारतीय मूल का व्यक्ति मिल जाता है तो उसे लगता है हमें पूरा देश मिल गया है। उन्होंने गुयाना के राष्ट्रपति को धन्यवाद देते हुए कहा कि आपके सुझावों पर भारत गौर करेगा और खरा उतरेगा।