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नई दिल्ली: 

कोरोनावायरस महामारी और आर्थिक गतिविधियों में सुस्ती के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने प्रमुख नीतिगत दरों को पूर्वस्तर पर बरकरार रखा है. रेपो रेट (Repo Rate) को चार फीसदी पर ही रखा गया है. मौद्रिक नीति समिति (MPC) की समीक्षा बैठक के बाद आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में सुधार दिखाई दे रहा है. हालांकि, यह सुधार एकसमान नहीं है. दास ने भारतीय अर्थव्यवस्था को लेकर कहा कि सकारात्मक संकेत दिख रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि चौथी तिमाही तक GDP दर घनात्मक यानी पॉजिटिव हो जाएगी.  महामारी के बाद पहली बार GDP अनुमान देते हुए रिजर्व बैंक ने GDP के वित्तवर्ष 2020-21 में 9.5 फीसदी सिकुड़ने की आशंका जताई.

आरबीआई गवर्नर ने कहा कि खरीफ फसल की बुवाई पिछले साल के मुकाबले बढ़ गई है. अनाज उत्पादन के रिकॉर्ड स्तर पर रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा कि कोरोनावायरस की वजह से पलायन कर गए प्रवासी मजदूर काम पर लौट रहे हैं.

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रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि मौद्रिक नीति समिति के  सदस्यों ने रेपो रेट को 4 प्रतिशत पर बरकरार रखने के लिए सर्वसम्मति से मतदान किया.

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