English മലയാളം

Blog

मुंबई: 

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने अपनी द्विमासिक समीक्षा बैठक में किसी तरह के ब्याज दरों में बदलाव से इनकार कर दिया है. कमेटी ने रेपो रेट चार फीसदी पर बरकरार रखा है. बजट पेश होने के बाद MPC की यह पहली बैठक थी. बैठक के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि कमेटी ने सर्वसम्मति से रेपो रेट में बदलाव नहीं करने का फैसला किया है.

Also read:  RBI ने नहीं किया प्रमुख दरों में बदलाव, चौथी तिमाही तक GDP दर पॉज़िटिव होने का जताया अनुमान

रिजर्व बैंक गवर्नर ने आगामी वित्त वर्ष 2021-22 में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 10.5 फीसदी वृद्धि का अनुमान जताया है. उन्होंने कहा रकि साल 2021 की शुरुआत में ही आर्थिक वृद्धि को लेकर परिदृश्य सकारात्मक हुआ है और अर्थव्यवस्था पुनरूद्धार के संकेत मजबूत हुए हैं. उन्होंने कहा कि यह समय की मांग है कि विकास को मजबूत किया जाय. दास ने कहा कि मुद्रास्फीति चार प्रतिशत के संतोषजनक दायरे में आ गयी है.

केंद्रीय बैंक के गवर्नर ने कहा, “भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रमुख नीतिगत दर रेपो में कोई बदलाव नहीं किया है. वित्त वर्ष 2021-22 के लिये मौद्रिक नीति में उदार रुख को बरकरार रखा गया है.”

Also read:  राजनाथ सिंह ने चीन और पाक से लगती सीमा पर बने 44 पुलों का किया उद्घाटन, लद्दाख में 7 पुल खुले

बता दें कि RBI गवर्नर शक्तिकांत दास की अगुवाई वाली छह सदस्यीय MPC की बैठक बुधवार 3 फरवरी को शुरू हुई थी. तीन दिन की बैठक के बाद एमपीसी के फैसलों की आज घोषणा की गई. रिजर्व बैंक पिछले साल फरवरी से अब तक रेपो रेट में  कुल 1.15 फीसदी की कटौती कर चुका है लेकिन पिछली तीन बैठकों में भी रिजर्व बैंक ने नीतिगत दरों में कोई बदलाव नहीं किया है.

Also read:  वाराणसी कोर्ट में बृहस्पतिवार को ज्ञानवापी मामले की सुनवाई हुई, दोनों पक्षों की सुनवाई खत्म होने के बाद अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया

मौजूदा समय में रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी है. रेपो रेट पर आरबीआई बैंकों को लघु अवधि का लोन देता है, जबकि रिवर्स रेपो रेट पर बैंक अपनी जमा धनराशि रिजर्व बैंक के पास जमा कराते हैं.