English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-02-17 074501

कांग्रेस ने कहा है कि हिंडनबर्ग रिसर्च में अडानी समूह पर लगे आरोपों की निष्पक्ष और पारदर्शी भूमिका सिर्फ संयुक्त संसदीय समिति-जेपीसी ही निभा सकती है इसलिए इस मामले में जेपीसी का गठन जरुरी है।

 

कांग्रेस मीडिया विभाग के प्रभारी जयराम रमेश ने गुरुवार को यहां जारी एक बयान में कहा कि यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को इस मामले में जवाबदेह ठहराया जाना है तो जेपीसी के अतिरिक्‍त कोई भी अन्‍य समिति पारदर्शी तरीके इस मामले की पड़ताल नहीं कर सकती है।

Also read:  भाजपा को लगा झटका, मनसुख वसावा ने दिया पार्टी से इस्तीफा बात न सुने जाने पर थे नाराज

उन्होंने कहा कि13 फरवरी को उच्चतम न्यायालय की एक पीठ ने अडानी-हिंडनबर्ग मामले पर याचिकाओं की सुनवाई करते हुए, मामले के खुलासे के आलोक में इसकी जांच के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने पर चर्चा की और सरकार से 17 फरवरी तक इस संबंध में निवेदन प्रस्‍तुत करने का निर्देश दिया था।

प्रवक्ता ने कहा कि जब सत्तारूढ़ पक्षऔर अडानी समूह के बीच घनिष्ठता और निकटता की बात है सरकार द्वारा प्रस्तावित समिति से निष्‍पक्षता या किसी पारदर्शिता की उम्मीद नही की जा सकती है। सरकार और अडानी समूह हर हाल में इस मामले में पर्दा डालने और आरोपियों को बचाने की कोशिश में है।

Also read:  जनरल मनोज पांडे बने सेना प्रमुख, जाने क्या इतिहास बनाया मनोज पांडे ने?

उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों द्वारा विनियामक और वैधानिक तंत्र का मूल्यांकन किसी भी तरह से संयुक्त संसदीय समिति-जेपीसी की दजांच के बराबर नहीं हो सकता है। इस तरह की समिति में चाहे जितने भी सक्षम कर्मचारी हो वह जेपीसी से जांच का विकल्प नहीं हो सकती है।

Also read:  अफगानिस्तान से 55 हिंदू-सिख शरणार्थी दिल्ली पहुंचे, मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी' कार्यक्रम के तहत उनका पुनर्वास करेंगे

कांग्रेस नेता ने कहा कि पहले भी प्रतिभूतियों और बैंकिंग लेनदेन जैसे सार्वजनिक महत्व के मामलों में जेपीसी गठित हुई है। साल 2001 के स्टॉक-मार्केट घोटाले की जांच के लिए जेपीसी गठित की गईं थीं इसलिए हिंडनबर्ग अडानी समूह के मामले में भी जेपीसी का गठन किया जाना चाहिए।