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हिमाचल प्रदेश में आज गुरुवार को सीएम सुखविंदर सुक्खू की अध्यक्षता में कैबिनेट मीटिंग हुई। इस मीटिंग में बजट सत्र की तिथि तय कर दी गई है। यह बजट सत्र 14 मार्च से 6 अप्रैल तक करने की सिफारिश की गई है।

 

इस दौरान बजट सत्र में कुल 18 बैठकें होने वाली हैं। कैबिनेट की सिफारिश के बाद राज्यपाल से बजट सत्र शुरू करने की मांग की गई है। वहीं, हिमाचल सरकार ने जनवरी महीने में बेसहारा लोगों की मदद के लिए मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष स्थापित करने का निर्णय लिया था। कैबिनेट में इस योजना की गाइड लाइन को भी मंजूरी प्रदान कर दी है।

क्या है मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष योजना

बता दें कि मुख्यमंत्री सुखाश्रय कोष योजना के तहत 3 करोड़ रुपए की राशि जमा हो गई है। इस योजना के अंतर्गत प्रदेश के सभी विधायकों ने एक-एक लाख रुपए जमा किए हैं। वहीं, प्रदेशवासी भी अपीन स्वेक्षा अनुसार इस कोष में दान कर रहे हैं। इस पैसे से बेसहारा बच्चों, बुजुर्गों व महिलाओं की मदद की जाएगी। सीएम सुक्खू ने कहा कि सुखाश्रय योजना के अंतर्गत अनाथ, विशेष रूप से सक्षम, निराश्रित महिलाओं और वरिष्ठ नागरिकों को शामिल किया गया है। इसके तहत सभी जरूरतमंदों की हरसंभव मदद की जाएगी। साथ ही, योजना में प्रदेश सरकार ने तमाम अनाथ बच्चों को अपने बच्चों के रूप में अपनाया है।

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बेसहारा बच्चों व बुजुर्गों के लिए बनेंगे कांप्लेक्स

सीएम सुक्खू ने आगे कहा कि आज कैबिनेट मीटिंग में बेसहारा बच्चों व बुजुर्गों के रहने के लिए सुंदरनगर और ज्वालाजी में आवास बनाने को लेकर 80-80 करोड़ रुपए की मंजूरी दे दी गई है। इस पैसे से बेसहारा लोगों के लिए आधुनिक सुविधाओं से लेस कांप्लेक्स बनाए जाएंगे। इसके अलावा आवासीय भवन में अटैच शौचालय वाले कमरे, कॉमन रूम, मनोरंजन व गतिविधि कक्ष, म्यूजिक रूम, कोचिंग रूम, स्मार्ट क्लास रूम, इनडोर व आउटडोर खेल सुविधाओं सहित कुछ अन्य आधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

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सीएम ने कहा कि इन संस्थानों के आवासियों को विवाह के लिए दो लाख रुपए प्रदान कराए जाएंगे। बच्चों और महिलाओं का आवर्ती जमा खाता खोला जाएगा, जिसमें सरकार 0-14 वर्ष की आयु के बच्चों को एक हजार रुपए प्रति बच्चा हर माह दिया जाएगा। वहीं 15-18 वर्ष आयु के बच्चों व एकल महिलाओं को 2500 रुपए प्रति माह सहायता के तौर पर दी जाएगी।

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