English മലയാളം

Blog

Screenshot 2022-06-08 102349

 भारतीय रिजर्व बैंक आज अपनी नई मौद्रिक नीति की घोषणा कर दी है।

आरबीआई रेपो रेट में एक बार फिर बढ़ोतरी कर दी गई है। आरबीआई ने 50 बेसिस पाइंट के बढ़ोतरी करते हुए रेपो रेट 4.90 फीसदी कर दी है। आरबीआआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि दुनियाभर में महंगाई बढ़ी है इसलिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को रेपो रेट बढ़ाना पड़ा है।

 

आपको बता दें कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति बैठक 6 जून को शुरू हुई थी और तीन दिन तक चली मैराथन बैठक के बाद आरबीआई आज अपने फैसलों के बारे में घोषणा कर सकता है। रिजर्व बैंक यदि आज रेपो रेट में बढ़ोतरी का ऐलान करता है तो इसका सीधा असर आम जनता पर पड़ेगा।

Also read:  अक्टूबर 2021 में सऊदी अरब के गैर-तेल निर्यात में 25.5% की वृद्धि

पहले मई माह में आरबीआई ने बढ़ाया था ब्याज

आपको बता दें कि मई माह में भी मौद्रिक नीति की समीक्षा के बाद आरबीआई ने नीतिगत दरों में ब्याज बढ़ा दिया था, जिसके बाद सभी निजी और सरकारी बैंकों ने भी कर्ज की दरों में बढ़ोतरी की थी। RBI की मौद्रिक नीति समीक्षा में आधार दरों में बढ़ोतरी के संकेत हैं। उम्मीद है कि भारतीय रिजर्व बैंक रेपो दरों में 0.25 से 0.50 फीसदी की बढ़ोतरी कर सकता है।

Also read:  UAE: अबू धाबी में कई दुकानों में लगी आग पर अब काबू पा लिया गया है

RBI गवर्नर दे चुके हैं ब्याज दर बढ़ाने के संकेत

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास पहले ही ये संभावना जता चुके हैं कि नीतिगत ब्याज दर बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इसमें कितनी बढ़ोतरी होगी इसकी जानकारी आज मिल सकती है। RBI पिछले महीने बिना शेड्यूल के हुई मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में रेपो रेट में 0.40 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। 4 मई को मौद्रिक नीति की बैठक के बाद RBI ने अचानक रेपो दर को 40 आधार अंकों से बढ़ाकर 4.40 प्रतिशत और नकद आरक्षित अनुपात को 50 आधार अंकों से 4 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.50 प्रतिशत कर दिया।

Also read:  कर्नाटक चुनाव 2023 के लिए कांग्रेस पार्टी ने मंगलवार को घोषणा पत्र किया जारी, खाली पदों को एक साल में भरने का वादा

महंगाई पर काबू करना सबसे बड़ी चुनौती

गौरतलब है कि खुदरा महंगाई अप्रैल माह में लगातार 7वें महीने बढ़कर 8 साल के उच्च स्तर 7.79 फीसदी पर पहुंच गई। दरअसल यूक्रेन-रूस युद्ध के कारण ईंधन सहित वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि है। थोक कीमतों पर आधारित महंगाई पिछले 13 महीने से दहाई अंक में बनी हुई है और अप्रैल में रिकॉर्ड ऊंचाई 15.08 फीसदी पर पहुंच गई।