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उत्तराखंड में बीजेपी कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए प्रत्याशीयों की पहली लिस्ट जारी करने के बाद दोनों पार्टियों में बगावत शुरू हो गए है।

 

उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव (Uttarakhand Assembly Election 2022) बज गया है.  बीजेपी(BJP) ने 59 तो कांग्रेस(Congress)  ने अपने 53 उम्मीदवारों (Candidate)  की घोषणा की है। कुछ सीटों पर दोनों पार्टीयां अपने उम्मीदरवार की घोषणा करनी बाकी है। वहीं, दोनों पार्टीयों की पहली लिस्ट आने के बाद पार्टी के अंदर बगावत के सूर उठने लगे हैं। प्रदेश के कई विधानसभा क्षेत्रों में भाजपाइयों और कांग्रेसियों ने बगावती सुर बुलंद कर दिए हैं। ऐसे में पार्टियों की मुश्किलें बढ़ सकती है।

 

यमनोत्री से पूर्व दर्जा मंत्री पार्टी के खिलाफ उतरेंगे मैदान में

बीजेपी ने यमनोत्री सीट से सीटिंग विधायक केदार रावत को मैदान में उतारा है. इसके साथ ही टिकट न मिलने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता जगवीर भंडारी की नाराजगी सामने आई है। जगवीर भंडारी ने पार्टी के खिलाफ जाकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। साथ ही उनका यह भी कहना है कि कांग्रेस और बीजेपी में उपेक्षित दावेदारों के प्रतिनिधि के रूप में वो यमुनोत्री विधानसभा से चुनाव लड़ेंगे।

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वहीं, धनोल्टी से बीजेपी से प्रीतम पंवार को टिकट मिलने पर पूर्व विधायक महावीर रांगड़ ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। रांगड़ ने आरोप लगाया की कुछ दिन पहले पार्टी में आए लोगों को पार्टी ने टिकट दिया लेकिन जिन लोगों ने पार्टी को मजबूत किया उनको पार्टी ने नजरअंदाज किया है।

 

देवप्रयाग, नरेंद्रनगर और थराली में नारजग

नरेंद्रनगर से बीजेपी से कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल को टिकट मिलने पर पूर्व विधायक ओम गोपाल रावत ने नाराजगी जताई है. माना जा रहा है कि ओमगोपाल रावत कांग्रेस से पार्टी से सुबोध उनियाल के खिलाफ मैदान में उतर सकते हैं. देवप्रयाग में बीजेपी ने युवा विधायक विनोद कंडारी पर फिर से भरोसा जताया है। कंडारी को टिकट मिलने पर पूर्व प्रमुख मगन सिंह बिष्ट ने नाराजगी जताई है। उन्होंने निर्दलीय विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है।

वहीं, थराली सीट से BJP ने भूपालराम टम्टा के नाम का ऐलान किया है. इससे नाराज विधायक। मुन्नी देवी शाह का कहना है कि मेरा टिकट क्यों काटा गया, हाईकमान से इसका जवाब चाहिए. मैंने विधायक रहते हुए क्षेत्र के विकास में ऐतिहासिक कार्य किए हैं। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को भी जन-जन तक पहुंचाने का कार्य किया। विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ता व पूरी जनता मेरे साथ थी। अगर सिटिंग विधायक का टिकट काटना ही था तो युवा और पार्टी में निष्ठावान एवं लंबे समय से कार्य करने वाले कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाना चाहिए था। भाजपा ने थराली से बिल्कुल नए और कांग्रेस पृष्ठभूमि के व्यक्ति को टिकट दिया है, इससे कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है. समर्थकों की ओर से मुझे निर्दलीय चुनाव लड़ने की बात कही जा रही है, मैं इस बारे में सोच कर फैसला लूंगी।

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कांग्रेस में भी बगावत

यमनोत्री में कुछ दिन पहले कांग्रेस में शामिल हुए जिला पंचायत अध्यक्ष दिपक विजलवाण को कांग्रेस से टिकट मिलने पर कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी संजय डोभाल ने अपनी नाराजगी जताई है. संजय ने पार्टी पर आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस के प्रत्याशी ने 5 करोड़ में टिकट खरीदा है, साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी ने एक भ्रष्ट नेता को टिकट दिया है जिसने जिला पंचायत नें 50 करोड़ का घोटाला किया है। संजय डोभाल ने भी पार्टी के खिलाफ मैदान में उतने का एलान किया है।

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वहीं, गंगोलीहाट से नारायण राम आर्य अपना टिकट कटने से बेहद आहत हैं। उनका कहना है कि वह बुरे वक्त में भी कांग्रेस के साथ खड़े रहे, लेकिन अब एक ऐसे व्यक्ति को टिकट दे दिया गया है, जिसने पार्टी के अधिकृत प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ा था। इधर, हरिद्वार में भेल रानीपुर सीट पर महेश प्रताप राणा, वरुण बालियान, संजीव चौधरी आदि ने विरोध दर्ज कराया है। घनसाली सीट पर टिकट न मिलने से नाराज पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने तो खुले तौर पर बगावत शुरू करते हुए पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ निर्दलीय चुनाव मैदान में उतरने का एलान कर दिया है।

बीजेपी ने जहां 10 विधायकों के टिकट काटे तो वहीं, पार्टी से कई नेता नाराज हैं। कुछ लोगों ने तो पार्टी से बगावत कर निर्दलीय लड़ने का ऐलान किया है। हालांकि राज्य में अभी बीजेपी ने 11 सीटों पर नाम तय नहीं किए हैं। तो कांग्रेस ने 17 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है।बताया जा रहा है कि इन सीटों को लेकर विवाद है। लिहाजा दूसरी लिस्ट में इन सीटों पर नाम फाइनल किए जाएंगे।