English മലയാളം

Blog

Screenshot 2023-07-05 111753

महाराष्ट्र में सियासी उठापटक जारी है। एनसीपी में दो फाड़ के बाद बीजेपी पर विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं। शिवसेना (यूबीटी) ने अब बीजेपी को आड़े हाथ लिया है। मुखपत्र सामना में छपे लेख के जरिए उद्धव गुट ने बीजेपी पर हमला बोला है।

महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में बगावत के बाद सत्ताधारी भाजपा विपक्षी दलों के निशाने पर आ गई है। शिवसेना (यूबीटी) ने अब बीजेपी पर सीधा हमला बोला है। सामना में छपे अपने लेख के जरिए शिवसेना (यूबीटी) ने सीएम एकनाथ शिंदे, अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पर तंज भी कसा है।

शिवसेना (यूबीटी) ने सामना में क्या लिखा?

उद्धव ठाकरे की पार्टी ने सामना में छपे लेख में कहा कि महाराष्ट्र में बीजेपी ने जो किया है, उससे पूरे देश में उसकी बदनामी हो रही है। शिवसेना (यूबीटी) ने तंज कसते हुए कहा कि अब तो सिर्फ मेहुल चोकसी, नीरव मोदी, विजय माल्या को ही अपनी पार्टी में शामिल कराकर उन्हें पद देना बाकी रह गया है। इन तीनों में से एक को पार्टी का राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष, दूसरे को नीति आयोग और तीसरे को देश के रिजर्व बैंक का गवर्नर नियुक्त किया जाना चाहिए, क्योंकि भ्रष्टाचार, लूट, नैतिकता अब उनके लिए कोई मुद्दा ही नहीं रह गया है।

शिवसेना (यूबीटी) ने आगे कहा कि देवेंद्र फडणवीस बार-बार बोल रहे थे कि अजित पवार को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ेगा, लेकिन उन्हीं की मौजूदगी में अजित ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ली। सोमवार को यही ‘चक्की पिसिंग’ फडणवीस के ‘सागर’ बंगले में बैठकर अपने गुट के लिए विभागों का बंटवारा कर रहे थे।

Also read:  रमजान के दौरान पूरे कतर में कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं

देवेंद्र फडणवीस पहले मुख्यमंत्री थे, बाद में शिंदे की कैबिनेट में उपमुख्यमंत्री बने। अब अजित पवार भी पांचवीं बार उपमुख्यमंत्री बन गए हैं। इस वजह से फडणवीस आधे उपमुख्यमंत्री रह गए हैं। महाराष्ट्र की यह अवस्था मतलब ‘एक फुल, दो हाफ’ की तरह हो गई है, लेकिन जो फुल है वह भी ‘डाउटफुल’ होने से चिंताग्रस्त चेहरे के साथ घूम रहा है।

Also read:  राहुल गांधी ने जाना ट्रक ड्राईवर का हाल, दिल्ली से ट्रक में गए हिमाचल

‘एक (डाउट) फुल, टू हाफ’

शिवसेना जिस तरह अपनी जगह पर बनी हुई है, वैसी ही तस्वीर एनसीपी के मामले में भी नजर आ रही है। शरद पवार ने जब दूसरे दिन सातारा की ओर कूच किया तो हजारों लोग उनके स्वागत के लिए सड़कों पर खड़े थे। राजभवन के शपथ ग्रहण समारोह में जो शामिल थे, उनमें से भी कुछ विधायक हार-फूल लेकर पवार के लिए खड़े थे। यह तस्वीर आशाजनक है। प्रफुल्ल पटेल ने जयंत पाटिल की जगह सुनील तटकरे की प्रदेशाध्यक्ष के तौर पर नियुक्ति की, यह तो बचपना है। इस सबके पीछे के असली सूत्रधार दिल्ली में हैं। जो घातियों के साथ हुआ वही नए फूटे हुए गुट के साथ भी हो रहा है। ‘एक (डाउट) फुल, टू हाफ’, यह नई फिल्म राज्य में लगी है, पर लोगों ने इसका बहिष्कार कर दिया है।